Duck virus hepatitis: यह बहुत ही संक्रामक बीमारी है जो कि हर्पस विषाणु के कारण होती है। यह मुख्यत: 1-28 दिन के बत्तख के बच्चों को होती है। इसके कारण आंतरिक ब्रीडिंग, गंभीर दस्त और अंतत: प्रभावित पक्षी की मृत्यु हो जाती है।
इलाज: इस बीमारी से संक्रमित होने पर इसका कोई इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम के लिए प्रजनक बत्तख को डक हैपेटाइटिस का टीका लगवायें।
Duck plague (Duck Virus Enteritis): यह एक संक्रामक और अत्याधिक घातक रोग है। यह बीमारी प्रौढ़ और युवा दोनों बत्तखों में होती है। इसके लक्षण हैं आलस्य, हरे पीले रंग के दस्त और पंखों का झालरदार होना। इस बीमारी के कारण भोजन नली और आंतों पर धब्बे बन जाते हैं।
इलाज : डक प्लेग का इलाज करने के लिए एंटीन्यूटेड लाइव बत्तख वायरस एंटीसाइटिस का टीका लगवायें।
Salmonella: इस बीमारी के लक्षण हैं तनाव, आंखों का बंद होना, लंगड़ापन, पंखों का झालरदार होना आदि।
इलाज : साल्मोनेला बीमारी के इलाज के लिए अमोक्सीसिलिन का टीका लगवायें।
Aflatoxicosis: यह एक फंगस वाली बीमारी है। यह मुख्यत: उच्च नमी वाले दानों, जिनमें अल्फा टोक्सिन की मात्रा होती है का उपभोग करने के कारण होती है। इसके लक्षण हैं सुस्ती, वृद्धि का कम होना, पीलिया और प्रजनन शक्ति का कम होना है।
इलाज : भोजन में प्रोटीन, विटामिन की मात्रा और खनिज की मात्रा 1 प्रतिशत बढ़ा दें। अल्फाटॉक्सिकोसिस बीमारी के प्रभाव को जेंटियन वायलेट से भी कम किया जा सकता है।
Duck pox: इसके लक्षण वृद्धि का धीमा होना है। डक पॉक्स दो प्रकार का होता है गीला और सूखा प्रकार। सूखे पॉक्स में त्वचा पर मसे जैसे निशान पाये जाते हैं और ये दो सप्ताह में जख्म बन जाते हैं। गीले पॉक्स में चोंच के नज़दीक झुलसे हुए धब्बे दिखाई देते हैं।
इलाज : इस बीमारी से बचाव के लिए उपयुक्त टीकाकरण करवायें या मच्छर भगाने वाले कीटनाशक की स्प्रे करें।
Riemerella anatipestifer infection: यह एक जीवाणु रोग है। इसके लक्षण हैं भार का कम होना, दस्त होना, जिसमें कई बार रक्त भी आता है, सिर हिलाना, गर्दन घुमाना और मृत्यु दर ज्यादा होना।
इलाज : इस बीमारी से बचाव के लिए एनरोफ्लोक्सएकिन, पैंसीलिन और सल्फोडायामैथोक्सिन- ओरमेटोप्रिम 0.04-0.08 प्रतिशत का टीका लगवायें।
Colibacillosis: यह एक आम संक्रमित बीमारी है जो E. coli के कारण होती है इसका मुख्य लक्षण बच्चों में कमी होना है।
इलाज : कोलीबेसीलोसिस बीमारी से बचाव के लिए भोजन में क्लोरोटेटरासाइलिन 0.04 प्रतिशत और सल्फाडिमैथोक्साइन 0.04-0.08 प्रतिशत दवाई दें।