MAS-1: यह छोटे कद की किस्म है| जिसकी ऊंचाई 30-45 सैं.मी. होती है। यह बीमारीयों की रोधक और जल्दी पकने वाली किस्म है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 70-80% होती है। इसकी औसतन पैदावार 80 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 50-60 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है।
Hybrid-77: इसकी ऊंचाई 50-60 सैं.मी. होती है। यह किस्म पत्तों के धब्बा रोग और कुंगी के रोधक होती है, और यह जल्दी पकने वाली किस्म है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 80-85% होती है। इसकी औसतन पैदावार 80 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 50-60 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है। यह रेतली दोमट मिट्टी में बढ़िया पैदावार देती है औरऐसी शुष्क मौसम में की आवश्यकता होती है।
Shivalik: यह चीन की खेती से चुनी गई किस्म है। यह किस्म उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और उत्तरांचल में अच्छी वृद्धि करती है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 65-70% होती है। इसकी औसतन पैदावार 120 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 72 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है। यह किस्म फंगस रोगों से जल्दी प्रभावित होती है।
EC-41911: यह किस्म रूसी जर्मप्लाज्म से ली गई है। यह किस्म पानी की रोधक और आकार में सीधी होती है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 70%पायी जाती है। इसकी औसतन पैदावार 120 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 72 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है। इस किस्म से तैयार तेल का प्रयोग विभिन्न व्यंजनों में स्वाद के लिए किया जाता है।
Gomti: यह किस्म रंग में हल्के लाल रंग की होती है। इसकी पैदावार बाकी किस्मों की पैदावार से कम होती है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 78-80% होती है।
Himalaya: इसके पत्तों का आकार बाकी किस्मों से बड़ा होता है। यह किस्म कुंगी, झुलस, सफेद धब्बे और पत्तों पर धब्बे रोग की रोधक है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 78-80% होती है।इसकी औसतन पैदावार 160 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 80-100 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है।
Kosi: यह किस्म 90 दिनों में पक जाती है। यह किस्म कुंगी, झुलस, सफेद धब्बे और पत्तों के धब्बे रोग की प्रतिरोधक है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 75-80 प्रतिशत होती है और तेल की पैदावार 80-100 किलोग्राम प्रति एकड़ होती है।
Saksham: यह किस्म सी वी हिमालय की तरफ से टिशू कल्चर द्वारा तैयार की गई है। इसमें मैन्थोल की मात्रा 80% होती है और तेल की पैदावार 90-100 किलोग्राम प्राप्त होती है।
Kushal: यह किस्म टिशू कल्चर द्वारा तैयार की गई है और 90-100 दिनों में पक जाती है। यह किस्म कीट और बीमारियों की रोधक होती है। यह किस्म अर्द्ध शुष्क उप उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देती है और उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी अच्छी उगती है। है। इसकी औसतन पैदावार 120-132 क्विंटल प्रति एकड़ जड़ी-बूटियां के तौर पर और 70-80 किलोग्राम प्रति एकड़ तेल के तौर पर होती है।