Hisar Arun (Selection 7): यह अगेती किस्म है और रोपाई के बाद 70 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके फलों की संख्या ज्यादा होती है और फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Kashi Amrut (D.V.R.T 1): यह मध्यम फैलने वाली किस्म है। इसके फल मध्यम, गोल होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 160 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Kashi Anupam: यह मध्यम ऊंचाई वाली अगेती बिजाई वाली किस्म है। इसके फल बड़े और गोल होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 160 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Kashi Vishesh (H -86): इसके फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं और यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग की प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 80-100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pant Bahar: इस किस्म के फल गोल और मध्यम आकार के होते हैं।
Arka Vikas: यह किस्म IIHR, बैंगलोर द्वारा जारी की गई है। यह 120 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 140-160 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
D T 10: इस किस्म का पौधा लंबा और फल मध्यम आकार के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 120-140 क्विंटल प्रति एकड होती है।
Arka Saurabh: यह मध्यम ऊंचाई वाली किस्म है। इसके फल बड़े आकार के होते हैं। इस किस्म के फलों में दरारें नहीं पड़ती। इसकी औसतन पैदावार 120-140 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Hybrid 2: यह किस्म ICAR, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल चपटे, गोल और मोटे छिल्के वाले होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 220 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Avinash 2: यह मध्यम ऊंचाई वाली किस्म है। इसके फल गोल और गहरे लाल रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 240 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
S.T.H 537: यह हाइब्रिड किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 320 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
ARTH-3: यह किस्म रोपाई के बाद 80-85 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 350-380 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Gotya: यह किस्म रोपाई के बाद 70-75 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 240 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
N.S 815: यह किस्म रोपाई के बाद 75-80 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 240 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
BSS 99: यह लंबी किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 280 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
BSS 40: इसके फल मध्यम आकार के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 280 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Toystoll: इस किस्म के फल मध्यम और नाशपाति के आकार के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 280 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Pusa Rubi: यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म बसंत और सर्दियों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 133 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Early Dwarf: यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल मध्यम छोटे और तना पीला होता है। यह किस्म रोपाई के बाद 75-80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 140 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Chhuhara: इसके फल बीज रहित, नाशपाति के आकार के, लाल और बाहरी मोटी परत के होते हैं। इसकी गुणवत्ता कटाई के बाद 7 दिनों तक मंडी लायक होती है। इसलिए इस किस्म को लंबी दूरी वाले स्थानों और नए उत्पाद बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Pusa 120: यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल मध्यम छोटे, नर्म, आकर्षित और तना पीले रंग का होता है। यह किस्म निमाटोड के प्रतिरोधी किस्म है।
Roma Selection 120: यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म जड़ गलन के प्रतिरोधी किस्म है।
Rashmi: यह व्यापक रूप से अपनाई गई हाइब्रिड है। इसके फल मध्यम, गोल और आकर्षित होते हैं। यह किस्म सूखा बीमारी के प्रतिरोधी किस्म है।
Karnataka Hybrid: इस किस्म की फसल रोपाई के 80 दिनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके फल लंबे और अंडाकार होते हैं। यह किस्म सूखा और निमाटोड के प्रतिरोधक किस्म है।
Marglobe: यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा जारी की गई है। इसके फल बड़े, गोल, नर्म और रसदार होते हैं।
HS 101: यह उत्तरी भारत में सर्दियों के समय लगाई जाने वाली किस्म है। इसके पौधे छोटे होते हैं। इस किस्म के टमाटर गोल और दरमियाने आकार के और रसीले होते हैं। यह गुच्छों के रूप में लगते हैं। यह पत्ता मरोड़ बीमारी की रोधक किस्म है।
HS 102: यह किस्म जल्दी पक जाती है। इस किस्म के टमाटर छोटे और दरमियाने आकार के गोल और रसीले होते हैं।
Sonali: इस किस्म की औसतन पैदावार 300-320 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Hybrid 1: यह किस्म ICAR, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसकी औसतन पैदावार 128 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।