PGG 101: यह किस्म 1991 में विकसित की गई थी। इस किस्म के बीज मोटे होते हैं। इस फसल की कटाई मुख्य रूप से मई-नवंबर के महीने में फूल आने से पहले की जाती है। इस किस्म के हरे चारे की औसतन पैदावार 36-52 टन प्रति एकड़ होती है। इसकी 5-7 कटाई की जाती है।
PGG 518: यह 1998 में विकसित की गई थी। इस किस्म के पत्ते लंबे और आकार में चौड़े होते हैं। पौधे के अच्छी तरह से विकसित होने पर इसकी कटाई की जाती है। इस किस्म पैदावार 48 टन प्रति एकड़ होती है। इसकी 5-7 कटाई की जाती है।
PGG 19: यह किस्म पंजाब में खेती करने के लिए अनुकूल है। इसकी औसतन पैदावार 36-52 टन प्रति एकड़ होती है।
PGG 9: इसकी दो से तीन कटाई की जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 34-56 टन प्रति एकड़ होती है।
PGG 14: इसकी औसतन पैदावार 38-56 टन प्रति एकड़ होती है।
Bundel Guinea 1: इस किस्म की बारानी हालातों में खेती करने के लिए सिफारिश की गई है। यह सिंचित हालातों में पूरे वर्ष हरी रहती है।
Bundel Guinea 2: इसके हरे चारे की औसतन पैदावार 20-24 टन प्रति एकड़ होती है। यह बारानी परिस्थितियों के लिए उपयुक्त किस्म है।
दूसरे राज्यों की किस्में
CO 2: इस किस्म के पत्ते की ऊंचाई 150-200 सैं.मी. और पत्ते की लंबाई 65-75 सैं.मी. होती है। इस किस्म की पैदावार 100-112 टन प्रति एकड़ होती है। इसकी 7 बार कटाई की जा सकती है।
CO (GG) 3: इस किस्म का कद 210-240 सैं.मी. और पत्ते की लंबाई 97-110 सैं.मी. होती है। इस किस्म के चारे की पैदावार 136-144 टन प्रति एकड़ प्रति वर्ष होती है। इसकी मुख्यत 7 कटाई की जा सकती है।
Hamil: यह किस्म उत्तर, दक्षिण और केंद्रिय भारत में उगाने के लिए अनुकूल है। इसकी औसतन पैदावार 36-52 टन प्रति एकड़ होती है।
PGG 1: यह किस्म उत्तर पश्चिम, केंद्रिय भारत और पहाड़ी इलाकों में उगाने के लिए अनुकूल है। इसकी औसतन पैदावार 34-52 टन प्रति एकड़ होती है।