Japanese white: यह किस्म नवंबर-दिसंबर महीने में बिजाई के लिए अनुकूल है। इसे भारत में जापान द्वारा लायी गई है। उत्तरी मैदानों में इसकी पिछेती बिजाई के लिए और पहाड़ी क्षेत्रों में जुलाई से सितंबर महीने में इसकी खेती के लिए सिफारिश की गई है। इसकी जड़ें बेलनाकार और सफेद रंग की होती हैं। इसकी औसतन पैदावार 160 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa chetki: यह किस्म अप्रैल-अगस्त में बिजाई के लिए अनुकूल है। यह जल्दी पकने वाली किस्म पंजाब में बीज उत्पादन के लिए खेती करने के लिए अनुकूल है। इसकी जड़ें नर्म, बर्फ जैसी सफेद और मध्यम लंबी होती है। इसकी
औसतन पैदावार 105 क्विंटल प्रति एकड़ और बीजों की उपज 4.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Deshi: यह किस्म उत्तरी मैदानों में बिजाई के लिए अनुकूल हैं। इसकी जड़ें सफेद रंग की होती हैं। यह किस्म बिजाई के बाद 50-55 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
Pusa Reshmi: यह किस्म अगेती बिजाई के लिए अनुकूल है। यह 50-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
Arka Nishant: यह लंबी और गुलाबी जड़ों वाली किस्म है। यह किस्म 50-55 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं।
Pusa Himani: इसकी जड़ें सफेद रंग की और 30-35 सैं.मी. लंबी होती हैं। यह किस्म बिजाई के 50-55 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 130 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Kashi Shweta: यह जल्दी पकने वाली किस्म है। यह किस्म बिजाई के 30-35 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 170-180 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Kashi Hans: यह किस्म बिजाई के 40-45 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 170-180 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Jaunpuri Giant or Newari: यह यू पी के नज़दीकी क्षेत्रों और ज़ोनपुर की प्रसिद्ध किस्में है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Rapid Red White Tipped: यह जल्दी पकने वाली यूरोपियन किस्म है। यह 25-30 दिनों में पुटाई के लिए तैयार हो जाती हैं। इसकी जड़ें छोटी और चमकदार लाल रंग के साथ सफेद रंग का गुद्दा होता है।
Hisar Sel 1: यह किस्म उच्च पैदावार वाली, मध्यम लंबी, सफेद, नर्म और इसकी जड़ें कोमल होती हैं। इसकी औसतन पैदावार 120-130 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
White Icicle: यह दरमियाने कद की यूरोपियन किस्म है। यह 35-45 दिनों में पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसका गुद्दा सफेद, रसीला, करारा और सौम्य होता है।
Punjab Safed: इस देसी किस्म की 30-40 सैं.मी. लंबी जड़ें होती हैं। यह बिजाई के 45 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 80 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Chinese pink: इस किस्म के फल का छिल्का चमकदार लाल रंग का होता है और गुद्दा सख्त, कुरकुरा सफेद रंग का होता है। यह किस्म बिजाई के 45 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है।
Scarlet globe: इस किस्म की जड़ें गोल और छोटी होते हैं। गुद्दा मजबूत, कुरकुरा और सफेद रंग का होता है। यह किस्म बिजाई के 25-30 दिनों के बाद पुटाई के लिए तैयार हो जाती है।