कृषि

जलवायु
-
Temperature
18-30°C -
Rainfall
200-300mm -
Sowing Temperature
25-30°C -
Harvesting Temperature
20-28°C
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200-300mm -
Sowing Temperature
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Harvesting Temperature
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मिट्टी
गुलाब की खेती के लिए जैविक तत्वों से भरपूर और अच्छे जल निकास वाली रेतली दोमट मिट्टी अनुकूल होती है। अच्छी वृद्धि के लिए 6 से 7.5 पी एच की आवश्यकता होती है। यह जल जमाव के प्रति संवेदनशील है इसलिए उचित जल निकास का प्रबंध होना चाहिए और अतिरिक्त पानी को निकाल देना चाहिए।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की अच्छे से जोताई करें। रोपाई के 4-6 सप्ताह पहले खेती के लिए बैड तैयार करें। गुलाब की खेती के लिए तैयार बैडों में 2 टन गला हुआ गाय का गोबर और 2 किलो सुपर फास्फेट मिट्टी में डालें। बैडों को समतल करने के लिए लेवलिंग ऑप्रेशन करें। एक अकेले गड्ढे में गुलाब उगाने से बैडों पर गुलाब उगाना ज्यादा लाभदायक होता है।
बिजाई
बीज
प्रजनन
गुलाब का प्रजनन जड़ों को काटकर या कली काटकर किया जाता है। उत्तरी मैदानों में दिसंबर-फरवरी बडिंग के लिए उचित समय होता है।
कटाई और छंटाई
रोपाई के बाद दूसरे वर्ष में और बाद के वर्षों में इसकी छंटाई की जाती है। उत्तरी मैदानों में गुलाब की झाड़ियों की छंटाई अक्तूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में की जाती है। मरे हुए, सूखे, बीमारी से प्रभावित शाखाओं और पौधों को निकाल दें। जो शाखाएं झाड़ियों को घना बनाएं, उन्हें भी निकाल दें। लटके हुए गुलाबों को छंटाई की जरूरत नहीं होती। छंटाई के बाद अच्छे से गले हुए 7-8 किलो गाय के गोबर को प्रति झाड़ी और मिट्टी में अच्छी तरह मिलायें।
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MOP |
10 | 20 |
5 |
सिंचाई
पौधे को खेत में अच्छी तरह से लगाएं और व्यवस्थित करें। मिट्टी की किस्म और जलवायु के अनुसार सिंचाई करें।आधुनिक सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई गुलाब की खेती के लिए लाभदायक होती है। फव्वारा सिंचाई से परहेज करें क्योंकि इससे पत्तों को लगने वाली बीमारियां बढ़ती हैं।
खरपतवार नियंत्रण
मोनोकोट नदीनों की रोकथाम के लिए, ग्लाइफोसेट 400 ग्राम और डिकोट नदीनों को रोकने के लिए, ऑक्सीफ्लूरॉन 200 ग्राम को अंकुरन से पहले प्रति एकड़ में प्रयोग करें।
पौधे की देखभाल
- हानिकारक कीट और रोकथाम
- बीमारियां और रोकथाम
फसल की कटाई
गुलाब का आर्थिक लाभ दूसरे वर्ष से प्राप्त किया जा सकता है। जब फूल का रंग पूरी तरह से विकसित हो जाये और पहली एक और दो पंखुड़ियां खुलनी शुरू हो जाये पर पूरी तरह ना खुले, तब तीखे यंत्रों से कटाई करें। निर्धारित लंबाई के साथ हाथ से कटाई करने वाले यंत्र से फूलों की कटाई करें। विदेशी बाज़ार के मापदंड के अनुसार, बड़े फूलों के लिए, तने की लंबाई 60-90 सैं.मी. और छोटे फूलों के लिए 40-50 सैं.मी. होती है। कटाई सुबह के समय करें और बाद दोपहर करें।
कटाई के बाद
कटाई के बाद, गुलाबों को प्लास्टिक की टोकरी या कंटेनर में रखें, कंटेनर को ताजे पानी से भरें, जिसमें संक्रमण खत्म करने वाली दवाई हो ताकि फूल ज्यादा समय तक ताज़े रहें। उसके बाद फूलों को 110 डिगरी सै. तापमान पर प्री कूलिंग चैंबर में 12 घंटे के लिए रखें। फिर फूलों को तने की लंबाई, गुणवत्ता आदि के आधार पर वर्गीकृत करें।