हिमाचल प्रदेश में गुलाब की खेती

आम जानकारी

गुलाब, वैश्विक फूलों की खेती में प्रमुख फूलों में से एक है। यह लगभग हर सम्मेलन में प्रयोग किया जाता है। गुलाब के फूल बनावट, आकार में भिन्न होते हैं और यह विभिन्न रंगों (सफेद से लाल या बहुरंगों) में भी उपलब्ध होते हैं। गुलाब का मूल स्थान एशिया है, पर कई गुलाब की प्रजातियों का मूल यूरोप, अमरीका और अफ्रीका है। गुलाब की पंखुड़ियों के कई औषधीय लाभ हैं। इसे तनाव और डिप्रेशन से राहत के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे मुंहासे के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है। भारत में कर्नाटक, तामिलनाडु, महांराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश मुख्य गुलाब उत्पादक राज्य हैं।
 
आजकल ग्रीन हाउस में खेती करना ज्यादा प्रसिद्ध है और ग्रीन हाउस में गुलाब की खेती ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि इससे उच्च गुणवत्ता के  फूलों का उत्पादन, खुले खेत में खेती करने से ज्यादा होता है।
 

जलवायु

  • Season

    Temperature

    18-30°C
  • Season

    Rainfall

    200-300mm
  • Season

    Sowing Temperature

    25-30°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    20-28°C
  • Season

    Temperature

    18-30°C
  • Season

    Rainfall

    200-300mm
  • Season

    Sowing Temperature

    25-30°C
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    Harvesting Temperature

    20-28°C
  • Season

    Temperature

    18-30°C
  • Season

    Rainfall

    200-300mm
  • Season

    Sowing Temperature

    25-30°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    20-28°C
  • Season

    Temperature

    18-30°C
  • Season

    Rainfall

    200-300mm
  • Season

    Sowing Temperature

    25-30°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    20-28°C

मिट्टी

गुलाब की खेती के लिए जैविक तत्वों से भरपूर और अच्छे जल निकास वाली रेतली दोमट मिट्टी अनुकूल होती है। अच्छी वृद्धि के लिए 6 से 7.5 पी एच की आवश्यकता होती है। यह जल जमाव के प्रति संवेदनशील है इसलिए उचित जल निकास का प्रबंध होना चाहिए और अतिरिक्त पानी को निकाल देना चाहिए।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

लाल रंग की किस्में
 
Grand Gala: यह किस्म गहरे बरगंडी लाल रंग के फूलों वाली होती है। इसके फूल की मलमल पंखुड़ियां होती हैं और इसका तना सीधा, 60-100 सैं.मी. कद का होता है।
 
Fast red, Passion, Grand Prix और Bordo गुलाब की लाल किस्में हैं।
 
पीले रंग की किस्में
 
Almiyar Gold, Paipiliyan और Gold Stripe गुलाब की पीली किस्में हैं।
 
सफेद रंग की किस्में 
 
Biyaanka, Virginia और Hollywood गुलाब की सफेद किस्में हैं।
 
गुलाबी रंग की किस्में 
 
Sonia, Carlight और Noblas गुलाब की गुलाबी किस्में हैं।
 
बहुरंगी  किस्में
 
Confetti गुलाब की बहुरंगी किस्म है।
 
दूसरे राज्यों की किस्में
 
गुलाब का वर्गीकरण
 
इसमें तीन मुख्य समूह हैं,1) species 2) old garden and 3) Modern rose.
 
Species roses : इसे जंगली गुलाब भी कहा जाता है। इस तरह के फूलों की पांच पंखुड़ियां और गहरा रंग होता है। ये फूल सर्दियों के अंत तक रहते हैं।
 
Example: Rosa rugose: इसका मूल जापान है। ये प्रकृति में कठोर होते हैं। इसके फूल बेहद सुगंधित होते हैं। पत्ते झुर्रीदार चमड़े की तरह होते हैं। ये घनी और मोटी झाड़ियों में बढ़ते हैं। रासायनिक स्प्रे का उपयोग करने से बचें क्योंकि इसका उपयोग करने से सारे पत्ते झड़ जाते हैं।
 
Banksiae:  इसे लेडी बैंक के रूप में भी जाना जाता है और इसका मूल चीन है। फूल छोटे, सुगंधित और जामुनी रंग के होते हैं। फूल छोटे गुच्छों में आता है।
 
Eglanteria: फूल सुगंधित और एकल पंखुड़ियां होती हैं।
 
Moyesh: इसका मूल चीन है। गहरे लाल रंग के फूल होते हैं।
 
Multiflora: इसका मूल एशिया है। फूल बेहद सुगंधित और सफेद रंग की पंखुड़ियां होती हैं।
 
Musk, Setigera, Sempervirens, Soulieana
 
Old Garden Rose: इस किस्म के फूल ज्यादा आकर्षित और सुगंधित होते हैं। इस किस्म के लिए गर्म जलवायु अनुकूल है और यह सर्दियों को भी सहनेयोग्य है। यह उगाने में आसान, बीमारी के प्रतिरोधक और सर्दियों को सहनेयोग्य है। ये झाड़ियों में उगते हैं और कुछ बेलों पर उगते हैं। फूल रंग बिरंगे होते हैं लेकिन सफेद और हल्के पीले रंग के फूल ज्यादा प्रसिद्ध हैं। इस ग्रुप मेंChina roses, Tea roses, Moss Rosses, Damask roses,
 
Bourbon Roses. Alba, Ayrshire, Gallica, Hybrid Perpetual, Portland, Ramblers, Noisette आदि फूल आते हैं।
 
Alba: फूल हल्के गुलाबी से सफेद रंग के होते हैं।
 
Bourbon: फूल हल्के गुलाबी से गहरे गुलाबी लाल रंग के होते हैं।
 
Boursault: झाड़ियां लटकने वाली होती हैं। फूल जामुनी लाल रंग के होते हैं।
 
Centifolia: फूल भरा हुआ और गोल होने के कारण कैबेज रोज़ के रूप में भी जाना जाता है। ये सफेद से गुलाबी रंग में पाये जाते हैं।
 
Damask : फूल गहरे गुलाबी से सफेद रंग के होते हैं।
 
Hybrid Perpetual : फूल बड़े और सुगंधित होते हैं। गुलाबी से लाल रंग के होते हैं।
 
Macrantha : हल्के गुलाबी से सफेद रंग के खिले हुए फूल होते हैं। फूल बसंत ऋतु के आखिर में एक बार आते हैं।
 
Moss : यह किस्म झाड़ीदार होती है और फूल विभिन्न रंगों में आते हैं।
 
Noisette : फूल सुगंधित और गुलाबी रंग के होते हैं।
 
Modern Roses : यह सबसे प्रसिद्ध और tea और primrose की हाइब्रिड किस्म है। फूल विभिन्न रंगों में, समृद्ध और चमकीले होते हैं।
 
Example: Hybrid tea roses, Floribunda roses, yellow permet rose, Grandiflora Roses, American Pillar, Grandifloras, Albas, Landscape Rose, Centifolia rose , mini flora, Hybrid Musk and Polyantha.  
 
Hybrid tea: यह आधुनिक गुलाबों में सबसे लोकप्रिय किस्म है। पौधे 3 से 5 फीट तक बढ़ते हैं और फूलों की पंखुड़ियां दोहरी और अर्द्ध दोहरी होती हैं।Example. Paradise, Peace, Polarstern, Pristine etc.
 
Floribunda: यह झाड़ीनुमा किस्म होती है, जिसके फूल और तना छोटे होते हैं। फूल गुच्छों में पैदा होते हैं। इस मेंFrisco, kiss, Florence, Jaguar, Impatient, Angel Face, Ivory Fashion.किस्में आती हैं।
 
Shrub Rose: यह किस्म जंगली प्रजाति से संबंध रखती है। ये प्रकृति में कठोर होते हैं और इन्हें बहुत कम रख रखाव की आवश्यकता होती है। यह किस्म special rose और bush rose के प्रजनन से प्राप्त की गई है। फूल गुच्छों
में आते हैं, बड़े आकार के और रंग बिरंगे होते हैं लेकिन इनका कोई निश्चित रूप नहीं होता।
 
Climbing rose: इस किस्म के गुलाबों की लम्बी शाखाएं होती हैं, जिन्हें सहारे की आवश्यकता होती है। इसे थोड़ी छंटाई की आवश्यकता होती है। ये दीवार, बाढ़ आदि पर बढ़ सकते हैं। फूल बड़े आकार के होते हैं।Blaze, Don
 
Juan, Dortmund, Climbing Iceberg, Ever blooming climbers, Rambler roses, Trailling roses और large flower climbersकिस्में इस ग्रुप से संबंधित हैं।
 
Miniature Roses: पौधा 2 फीट तक बढ़ता है। फूल छोटे, आकर्षित और विभिन्न रंगों में आते हैं।Example. Rainbow\\\'s End, Red Beauty, Rise \\\'N\\\' Shine.
 
Grandifloras: पौधा लंबा और 2-3 फीट तक बढ़ता है। यह किस्म Hybrid Teas और Floribundas के प्रजनन से प्राप्त की गई है। फूल मध्यम से बड़े और छोटे गुच्छों में आते हैं।
 
Example. Aquarius, Gold Medal, Pink Parfait.
 
Standard or Tree Rose
पौधे 2-3 फीट तक बढ़ते हैं। फूल बड़े आकार के होते हैं। ये झाड़ी वाली किस्मों की कलियों से प्राप्त होते हैं।
 
Flower Carpet:  इसेGroundcover rosesके नाम से भी जाना जाता है। यह किस्म कीटों के प्रतिरोधी और बहुत ज्यादा सर्दी को सहनेयोग्य है।
 
Commercial Varieties: Pusa Gaurav (Pink varieties), Super Star, Montezuma, Mercedies, Pusa Priya and First Red (red varieties)
 
Exhibition varieties: First Prize, Eiffel Tower, Pusa Sonia, Red- Christian Dior, Montezuma, Super Star.
 
Scented varieties: Crimson Glory, La France, Sugandha
 
Other Varieties: Vaidya, Kalpana, Mother and Baby, Soller, Night N Day, American Home, Melina, Jogan, Amacia, Montreal, Grandmaster Piece, Pilgrim, MME Teresa Estabing, Golden Jubilee, Papa Pirosa, Chimson Tide, Belami, Elegant Beauty, Pampa, Madelon, Perfect Moment, Rocklea, Hebe Kuborgo, Polarstern, Fulton Mackay, Sweet Surrender, summer dream, Lapdef, Madosh, Dreaming, Pastel Delight, Godavari, Rosenrot, Fragerance Lady, Execiting, Roundalay, City kenda, Jessie Mathews, Portland Thail Blazer, Banco, Dame Décor, Mirandi, Lucy Cromphorn, Jean Gaujard, Krithika, Austin Reed, Tynwald, Leg glow, Emily Post, Alaska Centennial, Bacardy, Touch of Glass, Jayalalitha, Dolly Parton, MME Denise Galloise, Chaitra, Royal Amathyst, Chalis Gold, MME President, Ashwini, Command Performance, Agena, Alinka, Alliance, Alpha, Ariane, Bella Epoque, Bellease, Besancon, Blessings, Blue Monday, Bridal Bush, Bridal Dream, Brinessa, Cabaret, Cacico
 

 

ज़मीन की तैयारी

मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की अच्छे से जोताई करें। रोपाई के 4-6 सप्ताह पहले खेती के लिए बैड तैयार करें। गुलाब की खेती के लिए तैयार बैडों में 2 टन गला हुआ गाय का गोबर और 2 किलो सुपर फास्फेट मिट्टी में डालें। बैडों को समतल करने के लिए लेवलिंग ऑप्रेशन करें। एक अकेले गड्ढे में गुलाब उगाने से बैडों पर गुलाब उगाना ज्यादा लाभदायक होता है।

बिजाई

बिजाई का समय
उत्तरी राज्यों में, गुलाब की खेती के लिए मध्य अक्तूबर का समय अनुकूल समय होता है। रोपाई के बाद, पौधे को छांव में रखें और यदि धूप ज्यादा हो तो पौधे पर पानी का छिड़काव करें। शाम के समय गुलाब की रोपाई करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
 
फासला
पौधे से पौधे में 15 सैं.मी. और कतार से कतार में 40 सैं.मी. फासले का प्रयोग करें।
 
बीज की गहराई
बिजाई 2-3 सैं.मी. गहराई पर करें।
 
बिजाई का ढंग
नए पौधों को सीधे खेत में लगा दिया जाता है।
 

बीज

बीज की मात्रा
ग्रीन हाउस में, गुलाबों को 2 कतारों  में लगाया जाता है और 7-14 पौधा प्रति वर्गमीटर घनत्व रखा जाना चाहिए।
 

प्रजनन

गुलाब का प्रजनन जड़ों को काटकर या कली काटकर किया जाता है। उत्तरी मैदानों में दिसंबर-फरवरी बडिंग के लिए उचित समय होता है।

कटाई और छंटाई

रोपाई के बाद दूसरे वर्ष में और बाद के वर्षों में इसकी छंटाई की जाती है। उत्तरी मैदानों में गुलाब की झाड़ियों की छंटाई अक्तूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में की जाती है। मरे हुए, सूखे, बीमारी से प्रभावित शाखाओं और पौधों को निकाल दें। जो शाखाएं झाड़ियों को घना बनाएं, उन्हें भी निकाल दें। लटके हुए गुलाबों को छंटाई की जरूरत नहीं होती। छंटाई के बाद अच्छे से गले हुए 7-8 किलो गाय के गोबर को प्रति झाड़ी और मिट्टी में अच्छी तरह मिलायें।

खाद

खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)

UREA SSP MOP
10 20

5

 

बैड की तैयारी के समय, मिट्टी में 10 किलो प्रति 100 वर्गमीटर में गाय का अच्छे से गला हुआ गोबर मिलायें। यूरिया 10 किलो, एस एस पी 20 किलो और म्यूरेट ऑफ पोटाष 5 किलो प्रति 100 वर्गमीटर में डालें। फूलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए, छंटाई के एक महीने बाद वनस्पति की शुरूआती अवस्था में  GA3@200पी पी एम(0.2 ग्राम) को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। पौधे को तनाव मुक्त करने के लिए बिजाई के बाद घुलनशील जड़ उत्तेजक (राली गोल्ड/रोइज़ोम 100 ग्राम +टीपॉल 60 मि.ली. को 100 लीटर पानी में डालकर शाम के समय स्प्रे करें। 
 

 

सिंचाई

पौधे को खेत में अच्छी तरह से लगाएं और व्यवस्थित करें। मिट्टी की किस्म और जलवायु के अनुसार सिंचाई करें।आधुनिक सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई गुलाब की खेती के लिए लाभदायक होती है। फव्वारा सिंचाई से परहेज करें क्योंकि इससे पत्तों को लगने वाली बीमारियां बढ़ती हैं।

खरपतवार नियंत्रण

मोनोकोट नदीनों की रोकथाम के लिए, ग्लाइफोसेट 400 ग्राम और डिकोट नदीनों को रोकने के लिए, ऑक्सीफ्लूरॉन 200 ग्राम को अंकुरन से पहले प्रति एकड़ में प्रयोग करें।

पौधे की देखभाल

  • हानिकारक कीट और रोकथाम
सुंडी : यदि सुंडी का हमला दिखे, तो प्रभावित रोकथाम के लिए मैथोमाइल को स्टिकर 1 मि.ली. के साथ प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
 
थ्रिप्स, चेपा और पत्ते का टिड्डा : यदि इसका हमला दिखे, तो मिथाइल डेमेटोन 25 ई सी 2 मि.ली. को प्रति लीटर पानी में मिलाकर या कार्बोफिउरॉन 3 जी 5 ग्राम को प्रति पौधे में स्प्रे करें।
 
  • बीमारियां और रोकथाम
पत्तों पर धब्बा रोग : यदि काले धब्बों का हमला दिखे, तो कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मैनकोजेब 2.5 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। 8 दिनों के अंतराल पर दोबारा स्प्रे करें।
 
टहनियों का सूखना : यह एक आम बीमारी है और यदि इसकी पूरी तरह रोकथाम ना की जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है। यदि इसका हमला दिखे तो क्लोरोथालोनिल 2 ग्राम + टीपॉल 0.5 मि.ली. को प्रति लीटर पानी में मिलाकर पावर स्प्रेअर के साथ स्प्रे करें।
 
पत्तों के ऊपरी धब्बे रोग : यदि पत्तों के ऊपर धब्बे दिखाईं दें, तो इनकी रोकथाम के लिए फलुसिलाज़ोल 40 मि.ली +टीपॉल 50 मि.ली. को 100 लीटर पानी में डालकर पावर स्प्रेअर से प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
 

फसल की कटाई

गुलाब का आर्थिक लाभ दूसरे वर्ष से प्राप्त किया जा सकता है। जब फूल का रंग पूरी तरह से विकसित हो जाये और पहली एक और दो पंखुड़ियां खुलनी शुरू हो जाये पर पूरी तरह ना खुले, तब तीखे यंत्रों से कटाई करें। निर्धारित लंबाई के साथ हाथ से कटाई करने वाले यंत्र से फूलों की कटाई करें। विदेशी बाज़ार के मापदंड के अनुसार, बड़े फूलों के लिए, तने की लंबाई 60-90 सैं.मी. और छोटे फूलों के लिए 40-50 सैं.मी. होती  है। कटाई सुबह के समय करें और बाद दोपहर करें।

कटाई के बाद

कटाई के बाद, गुलाबों को प्लास्टिक की टोकरी या कंटेनर में रखें, कंटेनर को ताजे पानी से भरें, जिसमें संक्रमण खत्म करने वाली दवाई हो ताकि फूल ज्यादा समय तक ताज़े रहें। उसके बाद फूलों को 110 डिगरी सै. तापमान पर प्री कूलिंग चैंबर में 12 घंटे के लिए रखें। फिर फूलों को तने की लंबाई, गुणवत्ता आदि के आधार पर वर्गीकृत करें।