Baiju (H.P.K.-4) : यह मध्यम फैलने वाली और जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि 110-125 दिनों में पक जाती है। इसकी फलियां 4-5 सैं.मी. लंबी होती हैं और प्रत्येक फली में 4-5 दाने होते हैं। इसके दाने गहरे सलेटी रंग के होते हैं। इसके दाने बीमारियों के प्रतिरोधक होते हैं और गिरते नहीं हैं। इसकी औसतन उपज 7-8 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
KS 2 (1991) : यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो 80-90 दिनों में पक जाती है। यह किस्म शुष्क क्षेत्रों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसके मध्यम आकार के बीज होते हैं जो भूरे रंग के होते हैं। बारानी क्षेत्रों में इसकी औसतन पैदावार 2.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
CO 1 (1953) : यह किस्म 110 दिनों में पक जाती है। इसके पौधे का कद 30-40 सैं.मी. होता है। इसके दाने पीले चितकबरे रंग के होते हैं (100 दानों का भार 4.6 ग्राम)। यह किस्म बारानी क्षेत्रों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 3-4 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Paiyur 1 (1988) : यह किस्म 110 दिनों में पक जाती है। इसके पौधे का कद 35-40 सैं.मी. होता है। इसके दाने हल्के भूरे रंग के होते हैं (100 दानों का भार 3.4 ग्राम)। यह किस्म बारानी क्षेत्रों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 4-4.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Paiyur 2 (1998) : यह किस्म 110-105 दिनों में पक जाती है। इसके पौधे का कद 40-45 सैं.मी. होता है। इसके दाने पीले भूरे रंग के होते हैं (100 दानों का भार 3.56 ग्राम)। यह किस्म बारानी क्षेत्रों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 3.5-4.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।