Sukra Dhan-1 (H.P.R-1156): यह दरमियानी लम्बी (88-110 सैं.मी.) और जल्दी पकने वाली (110-120 दिनों में) किस्म है| यह सीधे पौधे, लम्बे दानों वाली, पतली और बालों-रहित किस्म है| यह बारानी क्षेत्रों में 125-135 क्विंटल प्रति एकड़ औसतन पैदावार देती है| यह और सूखे की प्रतिरोधक किस्म है|
H.P.R.-2143: यह दरमियानी लम्बी किस्म है जिसका पौधा 87-105 सैं.मी. ऊंचाई का होता है| यह किस्म 125-135 दिनों में तैयार हो जाती है| यह किस्म 650-1500 मीटर की ऊंचाई वाले मध्य -पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जारी की गई है| यह तने का भुरड़ रोग की प्रतिरोधक किस्म है| इसकी औसतन पैदावार 18.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
H.R. I. -152: यह वर्णसंकर किस्म है| यह दरमियानी लम्बी और पतले दानों वाली किस्म है| यह किस्म 135-138 दिनों में तैयार हो जाती है| यह तने का झुलस रोग की प्रतिरोधक किस्म है| इसकी औसतन पैदावार 18.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
Kunjan Dhan-957: यह समय पर पकने वाली और अर्द्ध-छोटे कद की किस्म है| यह किस्म दरमियाने पहाड़ी क्षेत्रों के सिंचिंत क्षेत्रों में बोने के लिए जारी की गई है| यह लम्बी और पतले दानों वाली किस्म है| तने के झुलस रोग का इस किस्म पर ज्यादा असर होता है| इसकी औसतन पैदावार 16.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
Kunjan-4 (Varun Dhan): यह किस्म 1000 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों के सिंचित इलाकों जैसे कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्रों में जारी की गई है| यह अर्द्ध-छोटे कद (81 सैं.मी.), जल्दी पकने वाली (140-145 दिनों में) और यह धान की मुख्य बीमारीयों के प्रतिरोधक है| यह किस्म ठंडे मौसम की प्रतिरोधक है| यह सिंचिंत क्षेत्रों में इसकी औसतन पैदावार 13-14 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
R.P.-2421: यह दरमियानी लम्बी, जल्दी पकने वाली और ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म है| यह किस्म रोपाई और सिंचिंत क्षेत्रों के लिए प्रमाणित है| यह किस्म 120-125 दिनों में तैयार हो जाती है| इसके दाने सामान्य पतले होते है| यह धान की मुख्य बीमारीयों के प्रतिरोधक है| इसकी औसतन पैदावार 15-16 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
V L Dhan-221: यह दरमियानी लम्बी, जल्दी पकने वाली और ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म है| यह किस्म बारानी क्षेत्रों के लिए जारी की गई है| यह किस्म 105-110 दिनों में पक जाती है| इसके दाने सामान्य पतले होते हैं| यह धान की मुख्य बीमारीयों के प्रतिरोधक है| इसकी औसतन पैदावार 11-12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
Kasturi (IET 8580): यह लम्बी और पतले दानों वाली किस्म है जो चमकदार और सुगंधित होती है| यह दरमियाने आकार की किस्म है जो 125-135 दिनों में पक जाती है| इसकी औसतन पैदावार 10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
Hasan Sraay: यह दरमियानी लम्बी और ईरान की धान वाली किस्म है| यह 1000-1300 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों के सिंचित इलाकों में जारी की गई है| यह लम्बी, पतली चमकदार और सुगंधित दानों वाली किस्म है| यह तने का झुलस रोग की प्रतिरोधक किस्म है| इसकी औसतन पैदावार 10-11 क्विंटल प्रति एकड़ होती है|
China-988: यह किस्म सभी सिंचित और बारानी क्षेत्रों केलिए प्रमाणित की गई है। यह जल्दी पकने वाली और लंबी ऊंचाई वालीकिस्म है। इसके दाने मोटे होते हैं। इसके अंकुरन की क्षमता अधिक होती है इसीलिए यह किस्म सूखे के हालातों को सहन कर सकती है। इस किस्म पर तने के झुलस रोग के गंभीर हमले से तना कमज़ोर हो जाता है और पौधा गिर जाता है। इसकी औसतन पैदावार 10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
I.R.-579: यह छोटे कद की, अधिक उपज वाली और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों (750 मीटर तक) में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं। यह किस्म 140 दिनों में तैयार हो जाती है। यह किस्म कीटों और बीमारियों के प्रतिरोधी किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 16-17 क्विंटल प्रति एकड़ होती है, लेकिन इस किस्म की प्रति एकड़ में 25 क्विंटल उपज देने की क्षमता होती है।
Bhrigu Dhan: यह किस्म 1400 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले सिंचित क्षेत्रों जैसे कुल्लू में उगाने के लिए प्रमाणित की गई है जो कि जल्दी पकने वाली और ठंड के प्रतिरोधी होती है। इसके दाने छोटे और मोटे और लाल रंग के होते हैं। यह किस्म भुरड़ रोग, भूरे धब्बे, झुलस रोग, पत्ता मरोड़ और तने के छेदक जैसे कीटों के प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 14 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Nagger Dhan: यह छोटे कद की, ठंड के प्रतिरोधी, जापानी किस्म है जो कि 1400 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले सिंचित क्षेत्रों जैसे कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में उगाने के लिए प्रमाणित की गई है। इसके दाने छोटे और मोटे होते हैं। यह किस्म 140-145 दिनों में पक जाती है। यह किस्म तने के झुलस रोग और भूरे धब्बों जैसे रोगों के प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 14-15 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
PR-108 and PR-109: यह किस्म नालागढ़ और ऊना क्षेत्रों के लिए प्रमाणित की गई है।
Jaya: धौला कुआं और नूरपुर क्षेत्रों में भूरे धब्बे का हमला ज्यादा होता है इसलिए इन क्षेत्रों के लिए Jaya किस्म को प्रमाणित किया गया है। इसकी औसतन पैदावार 22-23 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके दाने मोटे और भारी होते हैं। यह किस्म लगभग 135-140 दिनों में पक जाती है। यह किस्म खारी भूमि में उगाने के लिए उपयुक्त है।
H.K.R-126: यह किस्म निचले क्षेत्रों के लिए प्रमाणित की गई है। यह 95-98 सैं.मी. लंबी किस्म है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं। यह 135-140 दिनों में तैयार हो जाती है। यह किस्म तने के झुलस रोग और जड़ गलन बीमारियों के कुछ हद तक प्रतिरोधक किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 16.25 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Ratna: इस किस्म की औसतन पैदावार 16-18 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके बीज लंबे और पतले होते हैं और स्वाद में अच्छे होते हैं। यह किस्म पकने के लिए 120-125 दिनों का समय लेती है। यह किस्म तना छेदक की प्रतिरोधक है। यह पिछेती बिजाई वाली किस्म है।
BK 79: यह छोटे कद की, लंबे, पतले दानों वाली, बासमती वाली किस्म है। इस किस्म की औसतन पैदावार 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म पकने के लिए 120-135 दिनों का समय लेती है और यह किस्म कीटों और बीमारियों की प्रतिरोधक है।
Basmati 370: यह सुगंधित धान होती है। जिसके दाने लंबाई में 6-7 मि.मी. और चौड़ाई में 1.7 मि.मी. होते हैं। यह किस्म 140-145 दिनों में पक जाती है और इसकी औसतन पैदावार 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Khushboo: यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि 118-125 दिनों में पक जाती है। यह मध्यम लंबाई वाली किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 16-18 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके दाने 7-7.5 मि.मी. लंबे होते हैं जो कि सफेद रंग के और सुगंधित होते हैं। यह किस्म कीटों और बीमारियों की प्रतिरोधक है।
Taraori Basmati: यह लंबे कद वाली किस्म पकने के लिए 118-125 दिनों का समय लेती है। इसकी औसतन पैदावार 11-12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके दाने 7-7.4 मि.मी. लंबे, सफेद रंग के और सुगंधित होते हैं। चावल उबालने के बाद सामान्य आकार की तुलना में लंबा होता है। फटा हुआ और चिपका नहीं होता। इसके विकास के लिए नाइट्रोजन की 25 क्विंटल प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है।
MahiSugandha: यह बासमती किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 14-16 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 130-135 दिनों में पक जाती है।
PHB 71: यह छोटे कद की संकर किस्म है। इसके पौधे का औसतन कद 100-110 सैं.मी. होता है। यह किस्म 130-135 दिनों में पक जाती है और इसकी औसतन पैदावार 22-24 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Improved Pusa Basmati 1 (P 1460): यह बासमती की छोटे कद की किस्म है। पकने के लिए 130-138 दिनों का समय लेती है और इसकी औसतन पैदावार 16-18 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह भुरड़, तना छेदक और कीटों की कुछ हद तक प्रतिरोधक किस्म है।
Pusa Sugandha 4 (P 1121): यह बासमती धान की मध्यम आकार की किस्म है। यह किस्म 130-135 दिनों में पक जाती है। यह किस्म भुरड़, तना छेदक और बैक्टीरिया के हमले की कुछ हद तक प्रतिरोधक है।
Pusa Sugandha 5 (P 2511): इस किस्म का पौधा 110-115 सैं.मी. मध्यम आकार का होता है। इसकी औसतन पैदावार 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म लंबी, सुगंधित और दाने अच्छे स्वाद वाले होते हैं। यह किस्म 130-135 दिनों में पक जाती है। यह किस्म कीटों और बीमारियों की प्रतिरोधक है।
Pratap Sugandha 1 (RSK 1091-10-1-1): यह मध्यम आकार (150-120 सैं.मी.) की किस्म है जो कि पकने के लिए 135-140 दिनों का समय लेती है। इसकी औसतन पैदावार 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं। यह भुरड़, तना छेदक और कीटों की कुछ हद तक प्रतिरोधक किस्म है।
Pusa Basmati 1509: यह मध्यम आकार (100-150 सैं.मी.) की किस्म है जो कि पकने के लिए 120-125 दिनों का समय लेती है। इसकी औसतन पैदावार 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसके दाने लंबे और पतले होते हैं। यह भुरड़, तना छेदक और कीटों की कुछ हद तक प्रतिरोधक किस्म है।
BK 190: यह किस्म 140-145 दिनों में पक जाती है। इसकी औसतन पैदावार 29-32 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
PR 111: यह एक छोटे कद की सीधी बलियों वाली किस्म है और इसके पत्ते बिल्कुल सीधे और गहरे हरे रंग के होते हैं। यह 135 दिनों में पक जाती है। दाने पतले और साफ होते हैं। यह पत्तों के पीलेपन की बीमारी से रहित है इसकी औसतन पैदावार 27 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 113: यह एक छोटे कद की सीधी बलियों वाली किस्म है और इसके पत्ते बिल्कुल सीधे और गहरे हरे रंग के होते हैं। यह 142 दिनों में पक जाती है। दाने मोटे और भारी होते हैं। यह पत्तों के पीलेपन की बीमारी से रहित है इसकी औसतन पैदावार 28 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 114: यह एक मध्यम, सीधी बलियों वाली किस्म है और इसके पत्ते पतले, सीधे और गहरे हरे रंग के होते हैं। यह 145 दिनों में पक जाती है। इसके दाने लंबे, सफेद और साफ होते हैं, जो कि पकाने में ज्यादा अच्छे होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 27.5 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 115: यह एक मध्यम, सीधी बलियों वाली किस्म है और इसके पत्ते पतले, सीधे और गहरे हरे रंग के होते हैं। यह 125 दिनों में पक जाती है। इसके दाने लंबे, सफेद और साफ होते हैं, जो कि पकाने में ज्यादा अच्छे होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 25 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 116: यह एक मध्यम, सीधी बलियों वाली किस्म है। यह किस्म गर्दन तोड़ की प्रतिरोधक किस्म है। इसके पत्ते हल्के हरे और सीधे होते हैं। यह 144 दिनों में पक जाती है। इसके दाने लंबे, सफेद और साफ होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 28 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 118: यह एक मध्यम, सीधी बलियों वाली और गर्दन तोड़ की प्रतिरोधक किस्म है। इसके पत्ते पतले, सीधे और गहरे हरे रंग के होते हैं। यह 158 दिनों में पक जाती है। इसके दाने लंबे, सफेद और साफ होते हैं, जो कि पकाने में ज्यादा अच्छे होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 29 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 120: यह दरमियाने कद की किस्म है। इसका दाना लंबा और चमकदार होता है। इसके दाने पकाने की गुणवत्ता अच्छी होती है। यह 132 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 28.5 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 121: यह छोटे कद की सीधी बालियों वाली किस्म है। इस किस्म पर ज़मीन की अंदरूनी सैलाब का कोई असर नहीं होता। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के और सीधे होते हैं। यह 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके दाने लंबे पतले और चमकदार होते हैं। इस किस्म पर झुलस रोग का कोई असर नहीं होता। इसकी औसतन पैदावार 30.5 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 122: यह मध्यम कद की सीधी बालियों वाली किस्म है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के और सीधे होते हैं। यह 147 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके दाने बहुत लंबे पतले और चमकदार होते हैं। चावलों को पकाने के बाद गुणवत्ता कमाल की होती है। इसकी औसतन पैदावार 31.5 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 123: यह मध्यम कद की सीधी बालियों वाली किस्म है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के और सीधे होते हैं। इसके दाने बहुत लंबे पतले और चमकदार होते हैं। इस किस्म पर झुलस रोग का प्रभाव बहुत कम होता है। इसकी औसतन पैदावार 29 क्विंटल प्रति एकड़ है।
PR 126: पंजाब में सामान्य खेती के लिए यह किस्म पी ए यू द्वारा जारी की गई है। यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि रोपाई के 123 दिनों के बाद परिपक्व हो जाती है। यह किस्म झुलस रोग की प्रतिरोधी किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 30 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
HKR 47: यह दरमियाने कद की किस्म है। इसकी पैदावार बहुत अच्छी होती है। इसके दाने लंबे, पतले और सुनहरी रंग के होते हैं। इस किस्म पर फंगस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसे ज़मीन की अंदरूनी सैलाब प्रभावित करती है।
CSR 30: यह किस्म ज्यादा लंबी, सीधे आकर के दानों वाली जो कि पकाने में अच्छी और अच्छी गुणवत्ता वाली होती है। यह किस्म रोपाई के 142 दिनों के बाद परिपक्व हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 13.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।