Banarasi: यह अच्छी गुणवत्ता वाली और जल्दी पकने वाली किस्म है। इसका आकार बड़ा और इसमें उच्च मात्रा में विटामिन होता है। यह किस्म चमकदार और पीले रंग की होती है।
Green Tinzed: इसके फल हरे रंग के और आकार में बड़े होते हैं।
Chakiya: इसके फल मध्यम आकार के, भार 33.4 ग्राम और अंडाकार आकार के होते हैं। इसमें एस्कॉर्बिक की मात्रा 789 मि.ग्राम. प्रति 100 ग्राम, पेक्टिन की मात्रा 3.4 % और 2 % फाइबर की मात्रा होती है। इसके टुकड़ों को सुखाकर आचार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Red Tinzed: इसके फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं, गुद्दा आधार से ही लाल रंग का होता है।
White Streaked: इसके फल मध्यम आकार के और उन पर सफेद धारियां होती हैं।
Katha: इसके फल आकार में छोटे, हरे रंग के और उन पर सफेद धारियां बनी होती हैं।
दूसरे राज्यों की किस्में
Narendra 6: यह दरमियाने समय की फसल है जो कि मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर में बोयी जाती है। इसके फल मध्यम आकार के होते हैं जिनका भार 38.8 ग्राम होता है। इसमें रेशे की मात्रा सबसे कम 0.8 प्रतिशत होती है। इसमें एस्कॉर्बिक एसिड 100 ग्राम होता है और कम मात्रा में फैनोलिक होता है। इसे जैमस और कैंडिज़ बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Narendra 7 (Promising variety): यह दरमियाने मौसम की फसल है जो कि मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर में बोयी जाती है। इसके फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं जिनका भार 44 ग्राम होता है और हरा-सफेद रंग होता है। इसके फल में रेशे की मात्रा 1.5 प्रतिशत होती है।
Krishna: यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि मध्य अक्तूबर से मध्य नवंबर में पक जाती है। इसके फल मध्यम आकार के होते हैं जिनका भार 44.6 ग्राम होता है। इसका छिल्का नर्म और फल पर धारियां अच्छे से बनी होती हैं। इस किस्म में 1.4 प्रतिशत तक रेशा होता है। इसकी औसतन पैदावार 123 किलोग्राम प्रति वृक्ष होती है।
Balwant: यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि मध्य नवंबर के महीने में पक जाती है। इसके चपटे गोल आकार के मध्यम फल होते हैं इसके फल नर्म और रसदार, अंदर से सफेद गुद्दे वाले और बाहरे से छिल्का हरा होता है। इसकी औसतन पैदावार 121 किलोग्राम प्रति वृक्ष होती है।
NA-9: यह भी जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि मध्य अक्तूबर से मध्य नवंबर में पक जाती है। इसके फल बड़े आकार के होते हैं जिनका भार 50.3 ग्राम होता है जिनका आकार अंडाकार, छिल्का नर्म और पतला होता है। इस किस्म में रेशा कम होता है जिसकी मात्रा 0.9 प्रतिशत होती है और उच्च मात्रा में एस्कॉर्बिक एसिड होता है। इससे जैमस, जैलीज़ और कैंडीज़ आदि बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
NA-10: यह भी जल्दी पकने वाली किस्म है जो कि मध्य अक्तूबर से मध्य नवंबर में पक जाती है। इसके फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं जिनका भार 41.5 ग्राम होता है। इसका छिल्का खुरदरा होता है और ऊपर धारियां बनी होती है। इसका गुद्दा हरे-सफेद रंग का होता है, जिसमें 1.5 प्रतिशत रेशा होता है।
Francis: यह दरमियाने मौसम की फसल है जो कि मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर में बोयी जाती है। इसके फल बड़े आकार के होते हैं जिनका भार 45.8 ग्राम होता है। फल हरे-सफेद रंग का होता है। इसमें रेशे की मात्रा 1.5 प्रतिशत होता है। इस किस्म को हाथी झूल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसकी शाखाएं लटकी हुई होती हैं।
NA-5(Kanchan): यह दरमियाने मौसम की फसल है जो कि मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर में बोयी जाती है। इसके फल छोटे आकार के होते हैं जिनका भार 30.2 ग्राम होता है इसमें रेशे की मात्रा 1.5 प्रतिशत होती है और इसमें काफी मात्रा में एस्कॉर्बिक एसिड पाया जाता है।
NA-4 (Krishna) और BSR-1 (Bhavanisagar) भी अन्य राज्यों की कुछ प्रसिद्ध किस्में हैं।