Solan Bajr (U.H.F II) : यह एक नई किस्म है। इसका आकार दिल जैसा, सख्त और फल का मोटा छिल्का होता है। फल का भार लगभग 70 ग्राम होता है। यह किस्म 70-75 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी औसतन पैदावार177- 197 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म दरमियानी पहाड़ी क्षेत्रों के लिए जारी की गई है
Solan Gola : यह अधिक फैलने वाली किस्म है। फल गोल और मध्यम से बड़े आकार के, मोटा छिल्का और इस किस्म को दूरी वाले स्थानों पर आसानी से ले जाया जा सकता है। इस किस्म की औसतन पैदावार 156 क्विंटल प्रति एकड़ है।
Yashwant (A-2) : यह अधिक फैलने वाली किस्म है। फल गोल, समतल मोटा छिल्का होता है और यह फल गलन के प्रतिरोधक किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 208 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Marglobe : यह अधिक फैलने वाली किस्म है। फल गोल, बड़े आकार के, मोटा छिल्का और कच्चे फलों का बाहरी छिल्का हरे रंग का होता है और फल गलन के प्रतिरोधी है। इसकी औसतन पैदावार 166 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Syu : यह अधिक फैलने वाली किस्म है। फल मध्यम आकार के, लगभग गोल होते हैं, कच्चे फलों का बाहरी छिल्का हरे रंग का और पकने पर लाल रंग का होता है। इसकी औसतन पैदावार 145 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Solan Shagun : यह मध्यम कद की हाइब्रिड किस्म है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के और फल गहरे लाल रंग के होते हैं और यह किस्म 70-75 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 145 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म सूखे और फल गलन बीमारी के प्रतिरोधक किस्म है।
Roma : यह छोटे कद की किस्म है। इसके पत्ते अधिक होते हैं, फल नाशपाती के आकार के, मोटा छिल्का होता है और इसे दूरी वाले स्थानों पर आसानी से ले जाया जा सकता है। यह किस्म कुल्लू की पहाड़ियों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 130 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Rupali : यह मध्यम फैलने वाली हाइब्रिड किस्म है। इसके फल गोल आकार के मध्यम और दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए उपयुक्त होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 208 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
M.T.H -15 : यह मध्यम फैलने वाली हाइब्रिड किस्म है। इसके फल गोल और छिल्का मोटा होता है। इसकी औसतन पैदावार 188 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Naveen : यह मध्यम फैलने वाली हाइब्रिड किस्म है। इसके फल गोल आकार के और दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए उपयुक्त हैं। यह किस्म सोलन और इसके साथ लगते क्षेत्रों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 167-188 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Palam Pink (B.L. 342-I) : यह एक नई किस्म है जो बैक्टीरियल सूखा रोग के प्रतिरोधक है। यह किस्म निचली और दरमियानी पहाड़ी क्षेत्रों के लिए जारी की गई है। इसके पौधे का कद छोटा, गुलाबी रंग के फल होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Palam Pride : इसकी औसतन पैदावार 98 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Solan Garima : यह हाइब्रिड किस्म है। इसके एक गुच्छे में 3-4 फल होते हैं। यह किस्म 80-85 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके फल का औसतन भार 85 ग्राम होता है। फल गोल आकार के, गहरे लाल रंग के और छिल्का मोटा होता है और यह किस्म लंबी दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 275 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म दरमियानी पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के मौसम में बिजाई के लिए उपयुक्त है।
Solan Sindhoor : यह हाइब्रिड किस्म है। इसके एक गुच्छे में 3-4 फल होते हैं। यह किस्म 75-80 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके फल का औसतन भार 60 ग्राम होता है। फल गोल आकार के, गहरे गुलाबी रंग के और छिल्का मोटा होता है। इसमें टी एस एस की मात्रा 4.5 ब्रिक्स होती है और इस किस्म को लंबी दूरी वाले स्थानों पर आसानी से ले जाया जा सकता है। इसकी औसतन पैदावार 270 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म दरमियानी पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के मौसम में बिजाई के लिए उपयुक्त है।
Him Pragti : यह किस्म सूखे तापमान वाले क्षेत्रों (लाहौल पहाड़ियों) में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसके फल गहरे लाल रंग के, मध्यम नाशपाती के आकार के, गुच्छों में होते हैं। इसके फल का छिल्का मोटा होता है, और ठंड के प्रतिरोधक किस्म है। यह किस्म 85 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी औसतन उपज Roma किस्म से 46 प्रतिशत अधिक होती है।
Pusa Rubi : यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म बसंत और सर्दियों में उगाने के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 133 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Early Dwarf : यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल मध्यम छोटे और तना पीला होता है। यह किस्म रोपाई के बाद 75-80 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 140 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Punjab Chhuhara : इसके फल बीज रहित, नाशपाति के आकार के, लाल और बाहरी मोटी परत के होते हैं। इसकी गुणवत्ता कटाई के बाद 7 दिनों तक मंडी लायक होती है। इसलिए इस किस्म को लंबी दूरी वाले स्थानों और नए उत्पाद बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Pusa 120 : यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल मध्यम छोटे, नर्म, आकर्षित और तना पीले रंग का होता है। यह किस्म निमाटोड के प्रतिरोधी किस्म है।
Roma Selection 120 : यह किस्म IARI, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म जड़ गलन के प्रतिरोधी किस्म है।
Pant Bahar : इसके फल गोल, मध्यम आकार के होते हैं।
Arka Vikas : यह किस्म IIHR, बैंगलोर द्वारा जारी की गई है। यह किस्म 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 140-160 किवंटल प्रति एकड़ होती है।
Hisar Aruna : यह किस्म HAU, हिसार द्वारा विकसित की गई है। यह जल्दी पकने वाली और उच्च उपज वाली किस्म है। इसके फल मध्यम -बड़े, गोल, गहरे लाल रंग के होते हैं।
Karnataka Hybrid : इस किस्म की फसल रोपाई के 80 दिनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके फल लंबे और अंडाकार होते हैं। यह किस्म सूखा और निमाटोड के प्रतिरोधक किस्म है।
Rashmi : यह व्यापक रूप से अपनाई गई हाइब्रिड है। इसके फल मध्यम, गोल और आकर्षित होते हैं। यह किस्म सूखा बीमारी के प्रतिरोधी किस्म है।
HS 101 : यह उत्तरी भारत में सर्दियों के समय लगाई जाने वाली किस्म है। इसके पौधे छोटे होते हैं। इस किस्म के टमाटर गोल और दरमियाने आकार के और रसीले होते हैं। यह गुच्छों के रूप में लगते हैं। यह पत्ता मरोड़ बीमारी की रोधक किस्म है।
HS 102 : यह किस्म जल्दी पक जाती है। इस किस्म के टमाटर छोटे और दरमियाने आकार के गोल और रसीले होते हैं।
Sonali : इस किस्म की औसतन पैदावार 300-320 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Hybrid 1 : यह किस्म ICAR, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसकी औसतन पैदावार 128 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa Hybrid 2 : यह किस्म ICAR, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। इसके फल चपटे, गोल और मोटे छिल्के वाले होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 220 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
ARTH-3 : यह किस्म रोपाई के बाद 80-85 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 350-380 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Keekruth : इसके पौधे की ऊंचाई 100 सैं.मी. होती है। यह फसल 136 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म के टमाटर दरमियाने से बड़े आकार के, गोल और गहरे लाल रंग के होते हैं।
Keekruth Ageti : इसके पौधे की ऊंचाई 100 सैं.मी. होती है। इस किस्म के टमाटर दरमियाने से बड़े आकार के और गोल होते हैं जो ऊपर से हरे होते हैं। पकने के समय इनका रंग बदल जाता है।