Him mash-1 (U.P.U-0031) : यह किस्म उप पर्वतीय और कम पर्वतीय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बिजाई के लिए उपयुक्त है। इसके भूरे से काले रंग के दाने होते हैं जो अधिक उपज देते हैं। यह किस्म 74 दिनों में तैयार हो जाती है। यह किस्म पीले चितकबरे रोग, पत्ता मरोड़, एंथ्राक्नोस और सफेद धब्बों के प्रतिरोधक और सरकोस्पोरा धब्बा रोगों को काफी हद तक सहनेयोग्य है। इसकी औसतन पैदावार 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
U.G.-218 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है जो 81 दिनों में पक जाती है। यह किस्म उप पर्वतीय और कम पर्वतीय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बिजाई के लिए उपयुक्त है। इस किस्म की बिजाई मार्च के पहले पखवाड़े में की जाती है। इसके पौधे का कद 30-40 सैं.मी. होता है। इसकी औसतन पैदावार 5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pant U-19 : यह किस्म 85 दिनों में पक जाती है। यह किस्म पीले चितकबरे रोग के प्रतिररोधक है पर यह पत्तों के धब्बा रोगों की काफी हद तक प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 3-4 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
P.D.U-1: इस किस्म का कद मध्यम, लंबी फलियां और मोटे दाने होते हैं। यह किस्म कुल्लू की पहाड़ियों में बिजाई के लिए उपयुक्त है। इसकी औसतन पैदावार 4-5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
T-9 : यह सीधी और छोटे कद की किस्म है जिसके गहरे हरे रंग के पत्ते और पीले रंग के फूल होते हैं। इसके पौधे का कद लंबा, यह किस्म पहले हरे रंग की और पकने पर काले रंग की हो जाती है। इसके बीज मोटे आकार के होते हैं जिनमें प्रोटीन की मात्रा 23 प्रतिशत होती है। यह किस्म 95-100 दिनों में तैयार हो जाती है और 3-4 क्विंटल औसतन पैदावार देती है।
Palampur-93 : यह किस्म सरकोस्पोरा पत्तों के धब्बा रोग और सफेद धब्बों के प्रतिरोधक है। यह कुल्लू और कांगड़ा क्षेत्रों के लिए उपयुक्त किस्म है। इसके पौधे का कद मध्यम होता है। यह किस्म 85-90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके दाने बड़े आकार के, गहरे काले रंग के और सख्त होते हैं। दानों में 26.2 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
TPU-4: राजस्थान के केंद्रीय हिस्से में खेती करने के लिए उपयुक्त किस्म है। यह किस्म 1992 में BARC/MAU द्वारा जारी की गई है। इसका पौधा सीधा, मध्यम लंबाई का और बीज मोटे जो कि हल्के काले रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 3 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 75 दिनों में पक जाती है।
WBU-108 : यह किस्म 1996 में BCKV द्वारा जारी की गई है। यह खरीफ मौसम की किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 85 दिनों में पक जाती है। यह किस्म पीले चितकबरे रोग की प्रतिरोधक है।
Barkha (RBU 38) : यह किस्म 1999 में RAU, बांसवाड़ा द्वारा जारी गई है। इसके बीज मोटे होते हैं। यह किस्म सरकोसपोरा पत्तों के धब्बे रोग की प्रतिरोधक है। इसकी औसतन पैदावार 5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 75 दिनों में पक जाती है।
IPU 94-1 : यह किस्म 1999 में IIPR द्वारा जारी गई है। यह किस्म पीले चितकबरे रोग की प्रतिरोधक है। यह खरीफ मौसम की किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 4.5-5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 85 दिनों में परिपक्व हो जाती है।
Shekhar 2 (KU 300) : यह किस्म 2001 में CSAUAT द्वारा जारी गई है। इसकी औसतन पैदावार 4.5-5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 70 दिनों में पक जाती है।
Pant Urd 31 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। जो कि 2008 में जारी की गई है। इसकी औसतन पैदावार 6 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 75-80 दिनों में पक जाती है।
Pant Urd 40 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। जो कि 2008 में जारी की गई है। इसकी औसतन पैदावार 5- 6 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 70-75 दिनों में पक जाती है।
Vishwas (NUL-7) : यह किस्म 2012 में जारी की गई है। इसकी औसतन पैदावार 4 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह किस्म 69-73 दिनों में पक जाती है।
AL-15 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। जो कि 135 दिनों में पक जाती है। फलियां गुच्छों में पैदा होती हैं। इसकी औसतन पैदावार 5.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
AL 201 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। पकने के लिए 140 दिनों का समय लेती है। इसका मुख्य तना किनारों की शाखाओं से मजबूत होता है। प्रत्येक फली में 3-5 पीले भूरे रंग के और मध्यम आकार के बीज होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 6.2 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
PAU 881 : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। पकने के लिए 132 दिनों का समय लेती है। पौधा 2 मीटर लंबा होता है। प्रत्येक फली में 3-5 पीले भूरे रंग के और मध्यम आकार के बीज होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 5.6 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
UPAS-120 : यह ज्यादा जल्दी पकने वाली किस्म है। पकने के लिए 120-125 दिनों का समय लेती है। यह लंबी और अर्द्ध फैलने वाली किस्में हैं। इसके बीज छोटे और हल्के भूरे रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 6-7 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह चितकबरे रोग के संवेदनशील किस्म है।
ICPL 151 (Jagriti) : यह किस्म 120-130 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 4 से 5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
PusaAgeti : यह छोटे और मोटे बीजों वाली किस्म है। यह 150-160 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
Pusa 84 : मध्यम लंबी अर्द्ध फैलने वाली किस्म है। यह 140-150 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
IPA 203 and IPH 09-5 (Hybrid)