Miscavi: यह जल्दी पकने वाली किस्म है और पौधे का कद 75 सैं.मी. होता है। इसके हरे चारे की औसतन पैदावार 208-250 क्विंटल प्रति एकड़ और सूखे चारे की औसतन पैदावार 41-52 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इसकी मुख्य रूप से 5 कटाईयां की जाती हैं। इसके सूखे चारे में 20 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है।
B L 1: यह Miscavi किस्म से, ज्यादा लम्बे समय तक उगने वाली किस्म है इसलिए इसकी अतिरिक्त कटाई जून के अंत तक की जाती है। इसके हरे चारे की औसतन पैदावार 250 क्विंटल और सूखे चारे की औसतन पैदावार 54 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
B L 22: यह लंबे समय में पकने वाली किस्म है इसलिए इसकी अतिरिक्त कटाई जून के अंत तक की जा सकती है। इसकी औसतन पैदावार 312 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Khadaravi (1995)
Faili (1995)
Tetraploid varieties
S-99-1 (Wardan) (1982): यह किस्म IGFRI, झांसी द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म हर क्षेत्र में उगाने के लिए उपयुक्त है।
Promising tetraploid varieties are Pusa Giant और T-678.
T-678
T-724
T-560
Hisar Berseem 2 (HB 2)
HB 1: यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में समय पर बोने के लिए अनुकूल है। यह तना और जड़ छेदक के प्रतिरोधी है। इसकी औसतन पैदावार 280 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
HFB 600 : यह किस्म सी सी एस, हिसार की तरफ से तैयार की गई है और यह किस्म हर क्षेत्र में उगाने के लिए उपयुक्त है। यह मैस्कावी किस्म से ज्यादा लाभ देने वाली किस्म है। यह जड़ और तना गलन के प्रतिरोधी है। इसकी हरे चारे की औसतन पैदावार 280-300 क्विंटल प्रति एकड़ होती है और सूखे चारे की पैदावार 36-40 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
BL 180 : यह किस्म पी ए यू, लुधियाणा की तरफ से बनाई गई है और यह उत्तरी भारत के क्षेत्रों में उगाने के लिए अनुकूल है।