गुलाब की खेती की जानकारी

आम जानकारी

गुलाब फूलों में सबसे मह्त्वपूर्ण फूल है। यह लगभग हर तरह के अवसरों में प्रयोग किया जाता है। गुलाब के फूल आकारओर रंगों में सबसे भिन्न दिखाई देता हैं और यह विभिन्न रंगों (सफेद से लाल या बहुरंगों) में भी उपलब्ध होते हैं। गुलाब का मूल स्थान मुख्य तौर पर एशिया है, पर इसकी कई प्रजातिया यूरोप, अमरीका और अफ्रीका की भी है। गुलाब की पंखुड़ियों से कई प्रकार की दवाइयां बनती हैं, जिन्हे तनाव और त्वचा के रोगो के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। भारत में  गुलाब कर्नाटक, तामिलनाडु, महांराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

आजकल ग्रीन हाउस में खेती करना ज्यादा प्रसिद्ध है और गुलाब की खेती ग्रीन हाउस द्वारा करने से इसके फूलों की गुणवत्ता, खुले खेत की गई खेती करने से ज्यादा बढ़िया होती है।

  • Season

    Temperature

    18-30°C
  • Season

    Sowing Temperature

    25-30°C
  • Season

    Harvesting Temperature

    20-28°C
  • Season

    Rainfall

    200-300mm
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जलवायु

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मिट्टी

गुलाब की खेती के लिए जैविक तत्वों से भरपूर और अच्छे जल निकास वाली रेतली दोमट मिट्टी अनुकूल होती है। बढ़िया विकास के लिए मिट्टी का pH 6 से 7.5  होना चाहिए| यह जल जमाव को सहनयोग्य नहीं है, इसलिए उचित जल निकास का प्रबंध होना चाहिए और अनावश्यक पानी को निकाल देना चाहिए।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

गुलाब का वर्गीकरण

इसमें तीन मुख्य समूह हैं,1) प्रजातियां 2) पुराने बाग़ 3) आधुनिक या नए गुलाब

Species roses: इसे जंगली गुलाब के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह के फूलों की पांच पंखुड़ियां और रंग चमकीला होता है। ये सर्दियों में ज्यादा समय तक रहती हैं।

जैसे कि: Rosa rugose: इनका मूल स्थान जापान है। यह किस्म प्रकृति रूप में कठोर होती हैं। इसके फूल बेहद सुगंधित होते हैं, पत्ते झुर्रीदार चमड़े की तरह होते हैं। ये घनी और मोटी झाड़ियों में उगते हैं। रासायनिक स्प्रे का उपयोग ना करें, क्योंकि इस पर स्प्रे करने से सारे पत्ते झड़ जाते हैं।

Banksiae:  इसे लेडी बैंक केनाम से भी जाना जाता है और इसका मूल स्थान चीन है। फूल छोटे, सुगंधित और जामुनी रंग के होते हैं। फूल छोटे गुच्छों में लगते है।

Eglanteria: फूल सुगंधित और एकल पंखुड़ी वाले होती हैं।

Foetida

Moyesh: इसका मूल स्थान चीन है और लाल गुलाब उगाता हैं।

Multiflora: इसका मूल स्थान एशिया है। फूल बहुत ज्यादा सुगंध वाले और सफेद रंग की पंखुड़ियां वाले होते हैं।

Musk, Setigera, Sempervirens, Soulieana

पुराने बाग़ वाले गुलाब: इस किस्म के फूल ज्यादा आकर्षित और सुगंधित होते हैं। यह गर्म जलवायु  के अनुकूल और सर्दियों को भी सहनेयोग्य है। यह आसानी से उगने वाले और बीमारीयों के प्रतिरोधक हैं| ये कई बार झाड़ियों और कई बार बेलों के रूप में उगते हैं। फूल बहुत रंगों के होते हैं, लेकिन ज्यादातर सफेद और हल्का पीला रंग होता हैं। इस ग्रुप में China roses, Tea roses, Moss Rosses, Damask roses, Bourbon Roses. Alba, Ayrshire, Gallica, Hybrid Perpetual, Portland, Ramblers, Noisette  आदि आते हैं।

Alba: यह किस्म के फूल हल्के गुलाबी से सफेद रंग के होते हैं।

Bourbon: इस किस्म के फूल गुलाबी से गहरे गुलाबी रंग के होते हैं।

Boursault: यह किस्म ऊपर बढ़ने वाली झाड़ियों जैसी  होती हैं। इस किस्म के फूल जामुनी लाल रंग के होते हैं।

Centifolia: इसको cabbage rose के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके फूल पूरे और गोलाकार होते है| इस किस्म के फूल सफेद से गुलाबी रंग के होते है|

Damask: इस किस्म के फूल गहरे गुलाबी से सफेद रंग के होते हैं।

Hybrid Perpetual: इस किस्म के फूल बड़े, सुगंधित और गुलाबी से लाल रंग के होते हैं।

Macrantha: इस किस्म की कलियां हल्के गुलाबी से सफेद रंग की होती हैं। इस किस्म को फूल बसंत ऋतु के आखिर में एक बार लगते हैं।

Moss: यह किस्म बहुत तरह की झाड़ियों में लगती है, और फूल विभिन्न रंगों में लगते हैं।

Noisette: इस किस्म के फूल सुगंधित और गुलाबी रंग के होते हैं।

आधुनिक गुलाब: यह सबसे प्रसिद्ध है और यह हाइब्रिड चाय और primrose के सुमेल से तैयार किये गए है, इस किस्म फूल बहु-रंगी और उत्तेजित होते हैं।

जैसे कि: Hybrid tea roses, Floribunda roses, yellow permet rose, Grandiflora Roses, American Pillar, Grandifloras, Albas, Landscape Rose, Centifolia rose , mini flora, Hybrid Musk and Polyantha.  

Hybrid tea: यह आधुनिक गुलाबों में सबसे लोकप्रिय किस्म है। पौधे 3 से 5 फीट तक विकास करते हैं और फूलों की पंखुड़ियां दोहरी और अर्द्ध-दोहरी होती हैं।जैसे कि: Paradise, Peace, Polarstern, Pristine आदि|

Floribunda: यह किस्म झाड़ियों वाली होती है, जिसके फूल और तने छोटे होते हैं। इस किस्म को फूल गुच्छों में लगते हैं। इस किस्म में Frisco, kiss, Florence, Jaguar, Impatient, Angel Face, Ivory Fashion.आदि आते हैं।

Shrub Rose: यह किस्म जंगली प्रजाति से संबंध रखती है। ये प्रकृति तौर पर कठोर होते हैं और इन्हें बहुत कम रख रखाव की आवश्यकता होती है। यह special rose और bush rose कि सुमेल से तैयार की गई है| इसके फूल गुच्छों में लगदे है और आकार में बढ़े और बहु-रंगे होते हैं, पर इनका कोई निश्चित आकार नहीं होता। पौधे झाड़ियों में लगते है| जैसे कि:  Bonica, Frau Dogmar Hartopp, Abraham Darby, Golden Wings आदि|

Climbing rose: इस किस्म के गुलाबों की शाखाएं लम्बी होती हैं, और इनको सहारे की आवश्यकता होती है। इसे कम छंटाई की जरूरत होती है। ये दीवार, बाढ़ आदि पर उगाये सकते हैं। इस किस्म के फूल बड़े आकार के होते हैं।Blaze, Don Juan, Dortmund, Climbing Iceberg, Ever blooming climbers, Rambler roses, Trailling roses और large flower climbers  किस्में इस श्रेणी से संबंध रखते हैं|

Miniature Roses: इस किस्म के पौधे 2 फीट ऊंचाई तक विकास करते है। इसके फूल छोटे, आकर्षित और विभिन्न रंगों के होते हैं।जैसे कि Rainbows End, Red Beauty, Rise N Shine.

Grandifloras: इस किस्म कि पौधे लम्बे होते है और 2-3 फीट तक विकास करते है। यह किस्म Hybrid Teas और Floribundas के सुमेल से तैयार की गई है| यह किस्म के फूल सामान्य से बढ़े आकार के होते है और गुच्छों में पैदा होते है| जैसे कि: Aquarius, Gold Medal, Pink Parfait आदि|

Standard or Tree Rose

पौधे 2-3 फीट तक विकास करते हैं। फूल बड़े आकार के और पूरे होते हैं। ये झाड़ी वाली किस्मों से तैयार की गई है|

Flower Carpet: इसको Groundcover roses  के नाम से भी जाना जाता है। यह किस्म कीटों के रोधक और ज्यादा सर्दी को सहनयोग्य होती है।

Commercial Varieties: Pusa Gaurav (Pink varieties), Super Star, Montezuma, Mercedies, Pusa Priya and First  Red  (red varieties)

Exhibition varieties: First Prize, Eiffel Tower, Pusa Sonia, Red- Christian Dior, Montezuma, Super Star.

Scented varieties: Crimson Glory, La France, Sugandha.

Other Varieties: Vaidya, Kalpana, Mother and Baby, Soller, Night N Day, American Home, Melina, Jogan, Amacia, Montreal, Grandmaster Piece, Pilgrim, MME Teresa Estabing, Golden Jubilee, Papa Pirosa, Chimson Tide, Belami, Elegant Beauty, Pampa, Madelon, Perfect Moment, Rocklea, Hebe Kuborgo, Polarstern, Fulton Mackay, Sweet Surrender, summer dream, Lapdef, Madosh, Dreaming, Pastel Delight, Godavari, Rosenrot, Fragerance Lady, Execiting, Roundalay, City kenda, Jessie Mathews, Portland Thail Blazer, Banco, Dame Décor, Mirandi, Lucy Cromphorn, Jean Gaujard, Krithika, Austin Reed, Tynwald, Leg glow, Emily Post, Alaska Centennial, Bacardy, Touch of Glass, Jayalalitha, Dolly Parton, MME Denise Galloise, Chaitra, Royal Amathyst, Chalis Gold, MME President, Ashwini, Command Performance, Agena, Alinka, Alliance, Alpha, Ariane, Bella Epoque, Bellease, Besancon, Blessings, Blue Monday, Bridal Bush, Bridal Dream, Brinessa, Cabaret, Cacico

 

ज़मीन की तैयारी

मिट्टी को नरम करने के लिए जोताई और गोड़ाई करें। बिजाई से 4-6 सप्ताह पहले खेती के लिए बैड तैयार करें। बैड बनाने कि लिए 2 टन रूड़ी की खाद और 2 किलो सुपर फासफेट डालें। बैडों को एक समान बनाने के लिए उनको समतल करें और बैडों के ऊपर बोयें होये गुलाब गड्डों में बोयें हुए गुलाबों से ज्यादा मुनाफे वाले होते है|

बिजाई

बिजाई का समय
उत्तरी भारत में बिजाई का सही समय मध्य अक्तूबर है। रोपाई के बाद पौधे को छांव में रखें और अगर बहुत ज्यादा धुप हो, तो पौधे पर पानी का छिड़काव करें| दोपहर के अंत वाले समय बोया गया गुलाब बढ़िया उगता है|

फासला
बैड पर 30 सैं.मी. व्यास और 30 सैं.मी. गहरे गड्ढे खोद कर 75 सैं.मी. के फासले पर पौधों की बिजाई करें| दो पौधों के बीच में फासला गुलाब की किस्म पर निर्भर करता है।

बीज की गहराई
बीजों को 2-3 सैं.मी. गहराई में बोयें|

बिजाई का ढंग
इसकी बिजाई सीधी या पनीरी लगा कर की जाती है|

प्रजनन

गुलाब की फसल का का प्रजनन काटी गई जड़ों और बडिंग द्वारा किया जाता है। उत्तरी भारत में दिसंबर-फरवरी महीने का समय टी-बडिंग के लिए उचित होता है।

पौधे की कांट-छांट दूसरे और उसके बाद के वर्षों में की जाती है। उत्तरी भारत में गुलाब की झाड़ियों की कांट-छांट अक्तूबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते में की जाती है। जो शाखाएं झाड़ियों को घना बनाएं, उन्हें निकाल दें। लटके हुए गुलाबों को छंटाई की जरूरत नहीं होती। छंटाई के बाद, अच्छे से गले हुए 7-8 किलो गाय के गोबर को प्रति पौधे को डालें और मिट्टी में अच्छी तरह मिलायें।

बीज

बीज की मात्रा
ग्रीन हाउस में, गुलाबों को पंक्तियों में बोया जाता है और पौधों का घनत्व 7-14 पौधे प्रति वर्ग मीटर होनी चाहिए।

खाद

तत्व (ग्राम प्रति पौधे)

NITROGEN PHOSPHORUS POTASH
8 8 16

 

बैड की तैयारी के समय 2 टन रूड़ी की खाद और 2 किलो सुपर फास्फेट को मिट्टी में डालें। तीन महीने के फासले पर 10 किलो रूड़ी की खाद और 8 ग्राम नाइट्रोजन,  8 ग्राम फासफोरस और 16 ग्राम पोटाश प्रति पौधे में डालें। छंटाई के बाद ही सारी खादों को डालें। ज्यादा पैदावार लेने के लिए छंटाई से एक महीने बाद, जी ए 3@ 200 पी पी एम(2 ग्राम प्रति लीटर) की स्प्रे करें|


पौधे की तनाव सहन शक्ति को बढ़ाने के लिए घुलनशील जड़ उत्तेजक(रैली गोल्ड/रिजोम) 100 ग्राम+ टिपोल 60 मि.ली. को 100 लीटर पानी में डालकर प्रति एकड़ में शाम के समय सिंचाई करें|
 

खरपतवार नियंत्रण

मोनोकोट नदीनों की रोकथाम के लिए ग्लाइफोसेट 300 ग्राम और डिकोट नदीनों को रोकने के लिए ऑक्सीफ्लूरॉन 200 ग्राम को अंकुरन से पहले प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

सिंचाई

पौधों को खेत में लगाएं ताकि बढ़िया ढंग से विकास कर सके। सिंचाई मिट्टी की किस्म और जलवायु के अनुसार करें। आधुनिक सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई गुलाब की खेती के लिए लाभदायक होती है। फव्वारा सिंचाई से परहेज करें क्योंकि इससे पत्तों को लगने वाली बीमारियां बढ़ती हैं।

पौधे की देखभाल

सुंडियां
  • हानिकारक कीट और रोकथाम

सुंडियां: यदि सुंडी का हमला दिखाई दें तो, रोकथाम के लिए मैथोमाइल के साथ स्टिकर 1 मि.ली. प्रति लीटर की स्प्रे करें।

थ्रिप्स, चेपा और पत्ते का टिड्डा

थ्रिप्स, चेपा और पत्ते का टिड्डा: यदि इसका हमला दिखाई दें तो, मिथाइल डेमेटोन 25 ई सी 2 मि.ली. को प्रति लीटर पानी या कार्बोफिउरॉन 3 जी 5 ग्राम को प्रति पौधे पर स्प्रे करें।

पत्तों पर धब्बा रोग
  • बीमारियां और रोकथाम

पत्तों पर धब्बा रोग: अगर काले धब्बों का हमला दिखाई दें तो, कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मैनकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी स्प्रे करें और 8 दिनों के बाद दोबारा स्प्रे करें।

पत्तों पर सफेद धब्बे

पत्तों के ऊपरी धब्बे रोग: अगर खेत में सफेद रोग का हमला दिखाईं दें, तो फलुसिलाज़ोल 40 मि.ली +टीपॉल 50 मि.ली. को 100 लीटर पानी की स्प्रे पावर स्प्रेअर द्वारा करें।

टहनियों का सूखना

टहनियों का सूखना: यह एक आम बीमारी है और यदि इसकी पूरी तरह रोकथाम ना की जाए तो बहुत नुकसान हो सकता है। अगर इसका हमला दिखाई दें तो, क्लोरोथालोनिल 2 ग्राम + टीपॉल 0.5 मि.ली. को प्रति लीटर पानी की स्प्रे पावर स्प्रेअर द्वारा करें।

फसल की कटाई

गुलाब की फसल से दूसरे वर्ष से बढ़िया किफायती पैदावार लिया जा सकता है। गुलाब की तुड़ाई फूलों  का रंग पूरी तरह से विकसित पर और पहली एक और दो पंखुड़ियां खुलनी(पर पूरी तरह नहीं) पर तेज़ छुरी की सहायता से की जाती है| निर्धारित लंबाई होने पर हाथ वाली छुरी के साथ काटा जाता है| विदेशी बाज़ार के मांग के अनुसार बड़े फूलों के लिए तने की लंबाई 60-90 सैं.मी. और छोटे फूलों के लिए 40-50 सैं.मी. होती  है। फ़ॉलोन को सुबह जल्दी या दोपहर के अंत वाले समय में तोडना चाहिए|

कटाई के बाद

कटाई के बाद गुलाबों को प्लास्टिक के बक्सों में डालें  और बीमारी रोकने वाले और ज्यादा समय के लिए बचा कर रखने वाले ताज़े पानी के घोल में डालें| उसके बाद फूलों को प्री कूलिंग चैंबर में 10° सै. तापमान पर 12 घंटे के लिए रखें। फिर अंत में फूलों को तने की लंबाई, गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग कर लें|

रेफरेन्स

1.Punjab Agricultural University Ludhiana

2.Department of Agriculture

3.Indian Agricultural Research Instittute, New Delhi

4.Indian Institute of Wheat and Barley Research

5.Ministry of Agriculture & Farmers Welfare