जिले के किसानों की कृषि कार्य में कृषि उपकरणों के माध्यम से मदद किए जाने के उद्देश्य से कृषि अभियांत्रिकी विभाग किसानों को कृषि उपकरण सब्सीडी व किराया के माध्यम से उपलब्ध करा रहा है, लेकिन इन कृषि उपकरणों को संभालकर रखने के लिए विभाग के पास समुचित साधन न होने के कारण कृषि उपकरण उपयोग में आने के बजाय कबाड़ हो रहे है। जिसके चलते विभाग की इस योजना का समुचित लाभ किसान नहीं उठा पा रहे है और उन्हें कृषि कार्य के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कृषि अभियांत्रिकी विभाग के पास ट्रैक्टर के साथ ही कृषि कार्य में उपयोग होने वाले अन्य उपकरण सुरक्षित रखने के लिए टीन शेड या फिर गैराज का इंतजाम नहीं है। जिसके चलते ये कृषि उपकरण खुले आसमान के नीचे ही रखे रहते है। ये उपकरण बाहर खुले में रहने के कारण बारिश,धूप समेत अन्य कारणों से खराब हो रहे है। विभाग के अनुसार करीब 80 लाख से अधिक के उपकरण खराब हो चुके है। जिन्हें नीलाम करने की योजना भी विभाग बना रहा है।
व्यवस्था करने विभाग को लिखा पत्रः विभाग भी ये बात मान रहा है कि खुले में रखे होने के कारण कृषि उपकरण खराब हो रहे है। जिससे उनका सदउपयोग नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते ही इन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विभाग ने वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखा है और मुख्यालय स्थित कार्यालय में उपकरणों को सुरक्षित रखे जाने के लिए समुचित इंतजाम करने की मांग की है।
कार्यालय का पूर्ण नहीं हो पा रहा उद्देश्यः कृषि क्षेत्र में कृषि उपकरणों की महत्ता को देखते हुए विभाग ने सन 2013 में सिवनी से बालाघाट मुख्यालय में कार्यालय की स्थापना की और तब से ही किसानों को सब्सीडी और किराया के माध्यम से उपकरण उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है लेकिन स्टाफ की कमी और मुख्यालय में ही कार्यालय होने के चलते किसानों की मदद करने का उद्देश्य विभाग का पूरा नहीं हो पा रहा है।
अधिक किराया भी बना परेशानी का कारणः जिले के ऐसे किसान जिनके पास कृषि कार्य को कृषि उपकरण की मदद से करने के लिए कृषि उपकरण नहीं है को ट्रैक्टर समेत कृषि उपकरण उपलब्ध कृषि विभाग योजना संचालित कर रहा है। इस योजना के तहत कृषि विभाग कृषकों को प्रतिघंटे की दर से किराया में कृषि उपकरण उपलब्ध कराता है, लेकिन उपकरणों को किराया अधिक होने और चलने की दूरी का किराया वसूल किए जाने से जिले भर के कृषक इस योजना का लाभ उठा नहीं पा रहे है। बता दें कि विभाग 625 रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से अग्रिम राशि जमा करवाकर कृषि उपकरण किराया पर देता है। इसके साथ ही 18 रुपये किलोमीटर के हिसाब से अतिरिक्त किराया भी वसूल करता है।
कृषि विभाग सब्सीडी व किराया के माध्यम से किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध करा रहा है। विभाग में स्टाफ की कमी बनी हुई है। वहीं ये सही बात है कि खुले में कृषि उपकरण रखे होने के कारण कुछ उपकरण खराब हो गए है। जिनकी नीलामी की जाएगी। वहीं वरिष्ठ कार्यालय को उपकरण रखने के लिए इंतजाम किए जाने को लेकर पत्र लिखा गया है- केआर कुलस्ते, सहायक यंत्री, कृषि विभाग।
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स्रोत: Nai Dunia