किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अक्सर उन्हें फसल को बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है। इस वजह से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है और सारा फायदा बिचौलियों को मिलता है।
किसानों को उनकी मेहनत का पैसा उचित रूप से प्राप्त हो, इसके लिए राजस्थान के जयपुर में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार संजय कुमार सिंह ने किसानों से कृषक उत्पादक संगठन बनाने की अपील की है। उन्होंने एफपीओ के माध्यम से खेती किसानी का इनपुट एवं उत्पाद की मार्केटिंग करने की सलाह भी दी है।
इसके अलावा जयपुर जिले के बेगस-बसेड़ी क्षेत्र में कृषि एवं बागवानी गतिविधियों का जायजा लेते वक्त उन्होंने पाया कि किसानों द्वारा अपनाई ग्रीन हाउस खेती लॉ टनल खेती, मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई तकनीक, मिनी स्प्रिंकलर, फर्टीगेशन एवं ऑटोमेशन तकनीक बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।
इसके लिए उन्होंने इन तकनीकों के विशेष लाभ के साथ-साथ विभागीय स्तर से इनके व्यापक प्रसार के लिए सुझाव मांगे, ताकि कृषि क्षेत्र में आने वाली इन आधुनिक तकनीकों की जानकारी अन्य किसानों तक भी पहुंचे और वे इसका लाभ उठा पाएं।
उद्देश्य
राजस्थान सरकार का उद्देश्य कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग व मार्केटिंग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना ना पड़े। इसके लिए सरकार का मनना है कि एफपीओ किसानों की खेती के सम्बन्ध में उनकी राह आसान बनाएंगे।
क्या है एफपीओ
एफपीओ एक संगठन है, जो किसानों का समूह होता है। जिस संगठन में कृषि उत्पादन में कार्य किया जाता है एवं कृषि से सम्बंधित गतिविधियों को चलाया जाता है। यह संस्था पंजीकृत होती है. जिससे किसानों के लिए खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण की खरीद आसान हो जाती है।
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स्रोत: Krishi Jagran