कालेज के विद्यार्थी अब अपने विषय की पढ़ाई करने के साथ किसानों की भी मदद करेंगे। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े विज्ञान संस्थान शासकीय होलकर कालेज ने इसके लिए अनूठी कोशिश की है। कालेज में सीड क्लब बनाया गया है। इसमें बीएससी और एमएससी के 230 विद्यार्थियों को जोड़ा गया है। इसका मकसद गांव में जाकर किसानों को खेती करने के बेहतर तरीके बताना है। बीज तकनीकी विभाग में विद्यार्थियों को जैवकि खेती, पर्यावरण, जल संरक्षण और किसानों के हित से जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।
कौन सी फसल किस तरह की जमीन के लिए बेहतर रह सकती है और मौसम का कृषि पर क्या फर्क पड़ता है इसकी भी जानकारी कालेज के विद्यार्थियों को रहती है। सीड क्लब के संयोजक प्रो. धर्मेंद्र जाट का कहना है कि बीज तकनीकी विभाग में अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों एवं किसान परिवार से आते हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों के विद्यार्थी शिक्षा लेने के लिए आते हैं। अगर विद्यार्थी जीवन से ही इन्हें जागरूक करेंगे तो भविष्य में अपने-अपने गांव में जैविक कृषि दूत की तरह जैविक खेती की उपयोगिता का प्रसार करने में मदद मिलेगी।
जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण में भी विद्यार्थियों की भागीदारी महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके लिए व्यवस्थित काम हो सके इसके लिए क्लब की स्थापना की गई है। विद्यार्थियों को गांवों में भेजा जाएगा और वहां वे वहां किसानों को बेहतर खेती से संबंधित सभी जानकारी देंगे। तकनीकी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संजीदा इकबाल का कहना है कि क्लब के सभी विद्यार्थियों को जैविक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इससे संबंधित सभी प्रश्नों का जवाब विद्यार्थी देने में सक्षम है। संस्थान ने क्लब की पूरी भागीदारी विद्यार्थियों को दे दी है। इसमें विद्यार्थी राहुल परिहार को क्लब का अध्यक्ष बनाया गया है। नेहा सिंगौरे को उपाध्यक्ष, सचिव के लिए विद्यार्थी मधु का चुनाव किया गया है और सह सचिव नेहा तिवारी को बनाया गया है।कालेज के प्राचार्य डा. सुरेश सिलावट ने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रयास कारगर साबित होंगे।
क्लब के यह भी उद्देश्य रहेंगे
- गांव में जाकर किसानों को सम्मानित करेंगे।
- नुक्कड़ नाटक से ग्रामीणों को कृषि करते समय ध्यान रखने वाली बातें बताएंगे।
- क्लब के विद्यार्थी शहर का यातायात सुधारने में योगदान देंगे।
- किसानों को बीज और तकनीकी के बारे में निश्शुल्क जानकारी देंगे।
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स्रोत: Nai Dunia