अब पुदीने का तेल रोकेगा दालों और अनाज में भृंग

February 02 2022

अनाज खासकर दालों में लगने वाले भृंग को रोकने या नष्ट करने के लिए अब सिथेंटिक दवाओं के छिड़काव की जरूरत नहीं है। इसके लिए विकल्प ईजाद कर लिया है। अनाज के भंडारों में अब कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होगा। इससे मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा। इन भृंगों का निदान अब पुदीने या इसकी तरह की जड़ी-बूटियों से बनने वाले आवश्यक तेल (ईओ) से हो सकेगा। इसके लिए विशेषज्ञों ने एम. पिपेरिटा के प्रयोग की सिफारिश की है। यह खुलासा हिमालयन जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञों ने किया है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत कार्यरत पालमपुर के हिमालयन जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान और गाजियाबाद की एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च के संयुक्त अध्ययन से यह बात सामने आई है। दालों के भृंग यानी पल्स बीटल कैलोसोब्रूकस चिनेंसिस, कैलोसोब्रुचस मैक्युलेटस लोबिया, चना, सोयाबीन और दालों के कीट हैं।

ये इनमें अकसर पाए जाते हैं। पल्स बीटल के खिलाफ सिंथेटिक कीटनाशकों का प्रयोग होता है। मगर ऐसे छिड़काव प्रतिरोधक क्षमता भी ले लेते हैं। इससे इनका निदान नहीं हो पाता है। सिथेंटिक दवाओं के छिड़कावों से अनाज पर कीटनाशक अवशेष मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। आवश्यक तेल यानी ईओ पर्यावरण और स्वास्थ्य की सुरक्षा के कारण सिंथेटिक्स के सर्वोत्तम विकल्प हैं। जांच का मुख्य उद्देश्य प्रयोगशाला के तहत पल्स बीटल के खिलाफ ईओ की रासायनिक संरचना और कीटनाशक गतिविधियों उनके संयोजन और यौगिकों का अध्ययन करना था। ईओ में भी विकर्षक और ओविपोजिशनल निषेध पाया गया। इस अध्ययन को सीएस जयराम, नंदिता चौहान, शुद्ध कीर्ति डोलमा और एसजीई रेड्डी ने किया है।

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स्रोत: Amar Ujala