चार दिन पहले बारिश के साथ चली तेज हवा से खेतों में गिरी गेहूं, गन्ना और सरसों की फसलों पर सोमवार देर रात फिर बरसात और ओलावृष्टि का कहर टूट पड़ा। तेज गरज के साथ हुई बारिश के दौरान मटर के दानों जैसे ओलों की बरसात से गेहूं और सरसों की फसलों में नुकसान किया है। गनीमत रही कि इस दौरान हवा की रफ्तार 12 से 15 किमी प्रति घंटे तक सीमित रही, वरना गन्ने की फसल को भी क्षति होती।
बृहस्पतिवार को देर रात हवा के कम दबाव और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण मौसम के तेवर बदल गए। तेज गड़गड़ाहट के साथ पहले बूंदाबांदी शुरू हुई और बाद में बारिश ने रफ्तार पकड़ ली। शुक्रवार को सुबह पांच बजे तक बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। इस दौरान 6.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। 35 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने कटरा, निगोही, रोजा आदि क्षेत्रों के दर्जनों गांवों में फसलेें तहसनहस कर दीं। गेहूं और सरसों की फसल खेतों में गिर गई।
शहर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ओले भी गिरे। दिन में धूप रहने और रात में बादल छाए होने से लोगों को सर्दी ज्यादा महसूस नहीं हुई, लेकिन किसानों में अपनी फसलों को लेकर बेचैनी बढ़ गई। गनीमत यह रही कि ओले ज्यादा देर तक नहीं गिरे और हवा की रफ्तार भी कम रही, लेकिन बारिश से वातावरण में आर्द्रता 52 से बढ़कर 91 फीसदी हो जाने से भीगी फसलों के सूखने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई। यही नहीं, ओलावृष्टि से पछुआ हवा ने मंगलवार को सुबह सर्दी का अहसास कराया।
बारिश और ओलावृष्टि से बिजली सप्लाई बाधित
बारिश और ओले गिरने से महानगर में विभिन्न स्थानों पर बिजली लाइनेें शार्ट सर्किट के शिकंजे में आकर ट्रिप होने लगीं। मंगलवार सुबह कई इलाकों मेें देर तक बिजली नहीं आई तो लोगों की दिनचर्या बाधित होने लगी। निगोही रोड, गदियाना चुंगी, हथौड़ा, रोजा और ककरा कलां सब स्टेशन के कई फीडरों की 11 केवी लाइनों के जंपर जलने और फ्यूज उड़ने से रात 11 से सुबह 11 बजे के बाद तक बिजली की आंख मिचौली जारी रही।
ओले गिरने से गेहूं, सरसों को नुकसान
अगेती प्रजाति के बोए जा चुके गेहूं में बालियां पड़ने लगी हैं और इससे पौधों का वजन भी बढ़ गया। गेहूं की ऐसी फसल को दोबारा हुई बारिश और ओले गिरने से नुकसान है। हवा में नमी अधिक होने से खेतों में गिरी फसल जल्दी सूख भी नहीं पाएगी। ओला प्रभावित गेहूं के पौधों में न तो फूल बनेगा और न ही दाना पड़ेगा। सरसों को ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। - डॉ. नरेंद्र प्रसाद, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र
जिले में गत चार दिन से हवा के कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। दो दिन पहले बैरोमीटर रीडिंग में 26 अंक की भारी गिरावट रिकॉर्ड की गई। बीती शाम फिर 48 अंक की गिरावट आ गई और इसी वजह से अचानक मौसम बदलने के साथ बारिश होने लगी। ओले गिरने से दिन के अधिकतम तापमान में करीब तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ गई है। बैरोमीटर की रीडिंग में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव अगले 24 घंटे तक मौसम के असामान्य बने रहने और बुधवार को बूंदाबांदी होने का संकेत है।
- डॉ. मनमोहन सिंह, मौसम वैज्ञानिक, गन्ना शोध परिषद
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स्रोत: अमर उजाला