जब से कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाना शुरू किया है, तब से बाजार में सैनेटाइज़र की आपूर्ति की समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि उत्पादन करने वाली कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति करने में विफल साबित हो रही हैं. इसकी आपूर्ति न होने की वजह से इसकी कीमतों में भी इजाफ़ा हो गया है और इसके साथ ही कई जगहों पर तो नकली सैनेटाइज़र की फैक्ट्रियां भी पकड़ी जा चुकी हैं.
इन समूह की चीनी मिलों को मिली अनुमति
- डालमिया समूह
- बलरामपुर समूह
- बिड़ला समूह
- उत्तम समूह
- दौराला समूह
इन चीनी मिलों को प्रतिदिन कुल 13,400 लीटर सैनेटाइज़र का उत्पादन करने की मात्रा निर्धारित की गई है. इसके अलावा मसौधा, त्रिवेणी समूह, मवाना समूह, बिसवां, डीएससीएल समूह, ऐरा और धामपुर समूह की चीनी मिलों को भी स्वीकृति मिल गई है. वैसे तो ज्यादातर चीनी मिलों को लाइसेंस जारी कर दिए जा चुके हैं और बाकी मिलों के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही उन्हें भी अनुमति प्रदान कर दी जाएगी.
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स्रोत: कृषि जागरण