सर्दी के इन दिनों में शरीर में आंतरिक गर्माहट लाने के लिए गराड़ू को बेहद चाव से खाया जाता है। तले हुए गराड़ू पर निम्बू और जीरावन डालकर खाने से यह और ज़ायकेदार हो जाता है। इन दिनों गराड़ू बाज़ार में बहुतायत से उपलब्ध है, क्योंकि इसकी खुदाई चालू हो गई है। मालवा सहित अन्य क्षेत्रों में भी इसकी फसल ली जाती है।
ग्राम माधवपुरा तहसील बड़नगर जिला उज्जैन के उन्नत कृषक श्री नंदराम नागर विगत 13 वर्षों से गराड़ू की खेती कर रहे हैं। इस वर्ष भी 3 एकड़ में गराड़ू लगाया है। गराड़ू के अलावा इनके यहाँ गेहूं ,चना और लहसुन की भी खेती जाती है। उनके बेटे श्री तेजराम नागर ने कृषक जगत को बताया कि गराड़ू 6 माह की फसल है, जिसे जून में लगाया जाता है और दिसंबर में इसकी खुदाई की जाती है। एक बीघे में औसतन 40 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। मांग के हिसाब से रोज़ाना 2-3 क्विंटल गराड़ू की खुदाई कर बड़नगर की मंडी में बेचा जाता है, जहां इसका दाम 25 -35 रुपए किलो तक मिल जाता है। बड़ी मंडियों में दाम ज़्यादा मिल सकता है , लेकिन परिवहन खर्च बढ़ जाता है।
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स्रोत: Krishak Jagat