बर्फबारी से क्षतिग्रस्त फलदार पेड़ों का सही उपचार करें

January 11 2022

हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से क्षतिग्रस्त फलदार पेड़ों का सही उपचार नहीं कि या तो वूली एफिड और कैंकर रोग का खतरा बना रहेगा। सेब और अन्य फलदार पेड़ों की टहनियों को हिमपात से नुकसान पहुंचा है तो पेड़ सूखने की समस्या भी बनी रहेगी। जनवरी में हो रही बर्फबारी से बगीचों में सेब और अन्य फलदार पेड़ों की टहनियां टूटने की शिकायत बागवान लगातार कर रहे हैं। सेब पड़ों के टूटे तनों को सही उपचार देकर घावों को सही कि या जा सकता है। सेब और फलदार पेड़ों के सही उपचार को बागवानी विशेषज्ञों की राय लेकर पेड़ों को तबाह होने से बचाया जा सकता है।

बागवानी विभाग के अधिकारियों ने सलाह दी है कि बर्फबारी से अगर सेब और अन्य फलों के पेड़ों को क्षति पहुंची है तो पेड़ों का उपचार करने के लिए विशेषज्ञों की राय जरूर लें। ताकि पेड़ों को अकाल खराब होने से बचाया जाए। बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि बर्फबारी के बाद टूटी टहनियों को बचाने के लिए उपचार करने में ज्यादा विलंब न करें। बर्फबारी के बाद मौसम साफ होते ही टूटी शाखाओं में मिट्टी और अलसी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर लेप तैयार कर पेड़ों के घावों में लगाएं। इसके बाद इस भाग को प्लास्टिक से बांध कर लपेट लें। अलसी का तेल उपयोग करने से पहले गर्म करके ठंडा कर लें।

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स्रोत: Amar Ujala