प्रदेश में सेब कारोबार ने पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। बीते साल जहां दस लाख मीट्रिक टन (एमटी) सेब बाहरी प्रदेशों में भेजा गया था, वहीं इस साल अभी तक 15 लाख एमटी सेब मंडियों में भेजा चुका है। छह हजार करोड़ रुपये का सेब कारोबार हो चुका है। वहीं, मार्च माह तक सेब की और खेप भेजी जाएंगी।
ऐसे में इस साल के सीजन का कारोबार सात हजार करोड़ तक होने की उम्मीद है। वर्ष 2020 में चार हजार करोड़ का 10 लाख एमटी सेब बाहरी प्रदेशों में भेजा गया था। 2018 में 12 लाख एमटी जबकि 2019 में 14 लाख मीट्रिक टन सेब मंडियों में पहुंचा था।
बागवानी योजना एवं विपणन विभाग अभी तक 15 लाख एमटी सेब भेज चुका है। अभी भी मांग ज्यादा है जिससे इस बार सेब की मंडियों में आपूर्ति का आंकड़ा 17 लाख एमटी तक जाने की संभावना है। इस साल कोविड संक्रमण के दौरान भी कारोबार प्रभावित नहीं हुआ है।
समय पर उचित रखररखाव किया गया था। अब कोल्ड स्टोरों के माध्यम से भी सेब को सुरक्षित किया गया है। इस साल से कोल्ड स्टोर की सुविधा प्रदेश भर में दी गई है। इस कारण बागवानों की फसल सुरक्षित है। मार्च माह तक रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
ये प्रजातियां बिकती हैं खूब
हजरत बली, गाला मस्त, कंडीसन, रजातबाड़ी, अमरी गोल्डन, रायल डिलिशियस, रेड डिलीशियस समेत अन्य प्रजातियों को भेजा जा रहा है। इन प्रजातियों की मांग बाहरी प्रदेशों में सबसे ज्यादा है। मिठास ज्यादा होने के कारण भी सेब काफी बिकता है।
इस बार सेब की सप्लाई तीन साल में सबसे ज्यादा रही है। इस साल मार्च माह तक सेब की आपूर्ति 17 लाख मीट्रिक टन के करीब होने के आसार हैं। अभी तक 15 लाख एमटी सेब भेजा जा चुका है- दिग्विजय सिंह, संयुक्त निदेशक, बागवानी योजना एंड विपणन विभाग
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स्रोत: Amar Ujala