नदी के रेत में बड़े स्तर पर तरबूज व खरबूजा की फसल लगाई जाती है फसल तैयार होने पर कई जिले के व्यापारी ट्रक द्वारा ले जाते हैं। दो जिलों की सीमा पर बसा गांव गुनौली निवासी पांचवी जमात तक पढ़े कालीप्रसाद व सीताराम कहते हैं कि खरबूजे की खेती ने उनके बैंक के खाते को भी वजनी कर दिया है, कहते हैं कि हसरत से हौसला है और हौसले से ही उड़ान होती है।
गांव के ही निवासी आठवीं जमात पास धनंजय मिश्रा बताते हैं कि उनके पास सवा सौ बीघा खेत है। जिसमें तरबूज, खरबूजा, लौकी, तोरई, कुम्हड़ा, करेला, परवल, कद्दू, खीरा सहित धान, गन्ना की यहां खेती नवंबर माह से शुरू होती है और मई माह तक समाप्त हो जाती है।
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स्रोत: Amar Ujala