दुनियाभर में बासमती चावल की भारी डिमांड रहती है। खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण दुनियाभर में चावल और अन्य चीजों की कीमतें बढ़ी हुई है, जिस कारण कई देश बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा चुके हैं या ज्यादा शुल्क लगा दिया है, ताकि उनके देश में चावल की कीमत स्थिर रह सके।
हालांकि अब भारत बासमती चावल की निर्यात शुल्क में कटौती कर सकता है। पाकिस्तान ने बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 1,050 डॉलर प्रति टन कर दिया है। ऐसे में भारत बासमती चावल का MEP 200 से 300 डॉलर, 1200 डॉलर प्रति टन से कम कर सकता है. इससे ग्लोबल स्तर पर बासमती चावल की कीमत कम हो सकती है।
इकोनॉमिक टाइम की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कटौती एक्सपोर्ट्स को भी राहत देगी। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी के किसानों को नाराज भी नहीं करना चाहती है। ऐसे में यह कटौती ज्यादा अहम होगी। अभी भारत द्वारा एमईपी 1,200 डॉलर प्रति एकड़ तय किया गया है, जिससे प्रति एकड़ 10,000 रुपये का नुकसान हो रहा है. सरकार द्वारा न्यूनतम निर्यात मूल्य की घोषणा के बाद नई कटाई वाले बासमती चावल की कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को बासमती निर्यातकों के साथ एक मीटिंग की थी, जहां एमईपी को घटाकर 850 डॉलर प्रति टन करने पर जोर दिया गया है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि संभावना है कि मंत्रालय बुधवार या गुरुवार तक इस पर आदेश जारी कर सकता है।
वहीं एक अधिकारी ने कहा कि अभी इसपर विचार किया जा रहा है। एक्सपोर्ट प्राइस कटौती को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो घरेलू मार्केट पर इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि कई तरह के बासमती चावल सिर्फ निर्यात के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।