नई दिल्ली. ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने ड्रोन के जरिए छिड़काव करने के लिए 477 कीटनाशकों को अंतरिम मंजूरी दी है. इससे पहले प्रत्येक कीटनाशक को केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति द्वारा अनुमोदित किया जाना था, जिसमें 18-24 महीने का समय लगेगा. इन 477 पंजीकृत कीटनाशकों में कवकनाशी (fungicides) और पौधे विकास नियामक भी शामिल हैं. इनका व्यावसायिक उपयोग दो साल तक ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा.
फेडरेशन ने कहा कि अगर कीटनाशक कंपनियां दो साल के बाद भी कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल जारी रखना चाहती हैं, तो उन्हें अंतरिम अवधि के दौरान आवश्यक डेटा तैयार करना होगा और इसे CIB और RC से मान्यता लेनी होगी.
SOP का करना होगा पालन
हालांकि, ड्रोन ऑपरेटरों को ड्रोन से कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए कृषि मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करना होगा. इस संबंध में DFI अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि ड्रोन रासायनिक कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव, खेतों का सर्वेक्षण, मिट्टी और फसल के स्वास्थ्य की निगरानी के माध्यम से खेतों पर कब्जा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कृषि छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य हानिकारक रसायनों के साथ मनुष्यों के संपर्क को कम करता है. शाह ने कहा, ‘ड्रोन नीति के उदारीकरण और कृषि गतिविधियों में ड्रोन की खरीद के लिए सरकारी सब्सिडी प्रदान करने के बाद पंजीकृत कीटनाशकों को अंतरिम मंजूरी किसानों के बीच ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देगी.’
DFI अध्यक्ष ने कहा, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 21वीं सदी में कृषि और खेती से जुड़े व्यापार को पूरी तरह से बदलने जा रहा है. कृषि में किसानों द्वारा ड्रोन का अधिक उपयोग इस बदलाव का हिस्सा है. ड्रोन तकनीक बड़े पैमाने पर तभी उपलब्ध होगी, जब हम कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे.’
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स्रोत: News18