पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम: राजस्थान, मध्य प्रदेश में एक भी किसान को नहीं मिला का फायदा, ये रही लिस्ट!

March 21 2019

देश के 12 करोड़ किसानों को खेती के लिए नगद सहायता देने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम  (Pradhan mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) का कांग्रेस शासित कर्नाटक में सिर्फ तीन किसानों ने लाभ उठाया है. पूरे राज्य में सिर्फ 6000 रुपये गए हैं, जबकि राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक भी किसान को लाभ नहीं मिला. उधर, बीजेपी शासित छोटे से प्रदेश असम में भी 80 हजार से ज्यादा किसान इससे लाभान्वित हो चुके हैं. जबकि यूपी में तो 74.71 लाख किसानों को इसकी पहली किस्त मिल चुकी है. यह 7 मार्च को शाम 6 बजे तक आंकड़े हैं. जिसे केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने जारी किया है

करोड़ से अधिक किसानों को मिल चुकी है पहली किस्त!

कुल मिलाकर यह योजना सियासी फेर में फंसती नजर आ रही है. कांग्रेस शासित कई राज्यों में या तो बहुत कम किसानों को इसका लाभ मिला या फिर मिला ही नहीं है. कृषि मंत्रालय से जारी लाभार्थी राज्यों की जो लिस्ट मिली है उसके मुताबिक 10 राज्यों की सरकारों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए किसानों का ब्यौरा ही नहीं भेजा है. हालांकि गैर बीजेपी शासित कई राज्यों ने इसका अच्छा लाभ उठा लिया है. जैसे आंध्र प्रदेश के 3.21 लाख किसानों ने 2000 रुपये की पहली किस्त ले ली है. यहां के कम से इतने किसानों को दूसरी किस्त की भी रकम मिलनी लगभग तय है.

कांग्रेस शासित पंजाब ने 2.63 लाख, जम्मू कश्मीर के 3.41 लाख, सीपीआई-एम शासित केरल में 3.71 लाख, बीजू जनता दल शासित ओडिशा में आठ लाख, टीआरएस शासित तेलंगाना में 14.41 और एआईएडीएमके शासित तमिलनाडु में 14 लाख किसानों को इसका लाभ मिलने लगा है. यह बात अलग है कि जेडीयू-बीजेपी शासित बिहार में 7 मार्च तक सिर्फ 72400 किसान ही इसका फायदा ले पाए थे. जहां से खुद केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह आते हैं. राजस्थान जहां से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आते हैं वहां पर एक भी किसान को लाभ नहीं मिला.

7 मार्च तक किस राज्य के कितने किसानों को मिला लाभ

पूरे मामले पर हमने गजेंद्र सिंह शेखावत से बात की तो उन्होंने कहा, "ऐेसे कई स्टेट हैं जहां एक भी लोग को पैसा नहीं गया. कांग्रेस शासित सरकारें सहयोग नहीं कर रही हैं. रेवेन्यू रिकॉर्ड रखना और किसान की लिस्ट देना ये स्टेट गवर्नमेंट का काम है. कांग्रेस शासित राज्य चाहे राजस्थान है, कर्नाटक है या मध्य प्रदेश, उन्होंने अपना डेटा नहीं दिया है.

राजस्थान सरकार ने 50 लाख किसानों में से 1.27 लाख का डेटा केंद्र को भेजा था. उसमें से सिर्फ 27 हजार लोगों का ही डाटा वेरीफाई हुआ. बाकी सब करप्ट था. किसी का नंबर सही नहीं था, किसी का नाम नहीं तो किसी का अकाउंट नंबर गलत था. जिन 27 हजार का डाटा सही था उनके लिए हमने लिखा कि हम फंड ट्रांसकर कर रहे हैं आप फंड ट्रांसफर रिक्वेस्ट जनरेट करो. उन्होंने ऐसा नहीं किया. आचार संहिता नहीं लगी तब तक लेकर बैठे रहे. फंड ट्रांसफर रिक्वेस्ट जनरेट होने के बाद ही पैसा भेजा जाता है. इसलिए वहां एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिला."

सरकार की कोशिश, असली किसानों को मिले फायदा

उधर, योजना के लिए डाटा नहीं देने पर एमपी के कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा, "तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इस तरह के किसानों का कोई आंकड़ा नहीं जुटाया था." पश्चिम बंगाल में भी एक भी किसान इसका लाभ नहीं ले पाया है. इसकी वजह केंद्र और राज्य में तनातनी बताई जा रही है. इस योजना के तहत मोदी सरकार छोटे किसानों को तीन किस्त में सालाना 6000  रुपये की सहायता दे रही है.

उधर, आंध्र प्रदेश सरकार अन्नदाता सुखीभव योजना चला रही है. इसके तहत वहां हर किसान को साल में 10 हजार रुपये मिलेंगे. जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नहीं आते हैं उन्हें हर साल 10,000 रुपये मिलेंगे और जो योजना में शामिल हैं उन्हें 4000 रुपये मिलेंगे.

 

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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी