स्थानीय अथवा प्राकृतिक आपदा की वजह से धान व दलहनी, तिलहनी फसलों को होने वाले नुकसान से बचने किसान इन फसलों का बीमा करा सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत जिले में योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है। जारी अधिसूचना के अनुसार इस वर्ष से इकाई ग्राम स्तर पर रखी गई है।
उप संचालक कृषि जेएस ध्रुव ने बताया कि योजना का लाभ लेने किसान 31 जुलाई तक प्रस्ताव एवं प्रीमियम राशि राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं सहकारी समितियों में जमा कर सकते हैं। वर्तमान में मौसम की अनिश्चिता को देखते हुए अधिक से अधिक कृषकों को योजनान्तर्गत लाभान्वित करने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा चौपाल, प्रशिक्षण, बैठक आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अधिसूचित फसलें उगाने वाले कृषकों (ऋणी कृषक अनिवार्यतः एवं अऋणी कृषक स्वैच्छिक) को बीमा आवरण के अंतर्गत सम्मिलित किया जा रहा है। जिले के लिए धान सिंचित एवं असिंचित, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, सोयाबीन आदि फसलों को अधिसूचित किया गया है। वर्तमान खरीफ में थे्रसहोल्ड उपज निर्धारण के लिए ग्राम को इकाई माना गया। बीमित किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा तथा स्थानीय आपदाएं जैसे-ओला-वृष्टि, भूस्खलन, जलाप्लावन एवं फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान जैसे-ओले, चक्रवात तथा बेमौसम बरसात के कारण होने वाले नुकसानों की क्षतिपूर्ति भी योजना के प्रावधान अनुसार की जा सकती है।
प्रति हेक्टेयर बीमित एवं प्रीमियम राशि निर्धारित
अधिसूचित फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि का निर्धारण किया गया है। इसके अनुसार धान सिंचित एवं असिंचित के लिए बीमित राशि क्रमशः 45 हजार एवं 36 हजार निर्धारित की गई है जिसके लिए किसानों को क्रमशः 900 एवं 720 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम राशि जमा कराना होगा। इसी तरह मक्का के लिए 50 हजार रुपये बीमित एवं 1000 रुपये प्रीमियम राशि, अरहर के लिए 26 हजार 500 रुपये बीमित एवं 530 प्रीमियम राशि, मूंग के लिए 24 हजार बीमित एवं 480 रुपये प्रीमियम राशि निर्धारित है।
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स्रोत: नई दुनिया