धान की कम पैदावार के ये हैं असल कारण, पढ़ें नियंत्रण के उपाय और करें स्प्रे

July 25 2019

धान की फसल में सही समय पर खरपतवार नियंत्रण के इंतजाम नहीं किए गए तो किसान को 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना बन जाती है। लापरवाही बरतने पर तो यह नुकसान 90 प्रतिशत तक होता है।

ज्यादातर रोपाई वाली धान में खरपतवार की समस्या होती है। धान की सामान्य किस्मों की रोपाई का समय पूरा हो चुका है। यदि किसी किसान ने खरपतवार नियंत्रण के उपाय नहीं किए तो उसे समय से संभल जाना चाहिए। 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र उचानी - करनाल के क्षेत्रीय निदेशक शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉ धर्मबीर यादव ने किसानों को जागरूक रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि फसल की बढ़वार के बाद भी खरपतवार नियंत्रण के उपाय किए जा सकते हैं। चूंकि इस बार बारिश की कमी रही तो खरपतवार का प्रकोप ज्यादा हो जाता है। 

ऐसी अवस्था में बिसपायरीबैक 100 एमएल दवा 120 लीटर पानी में प्रति एकड़ में स्प्रे कर सकते हैं। यह स्प्रे 15 से 25 दिन तक की धान पर किया जा सकता है। यह दवा चौड़ी पत्ती, बरटा, सामक, मोथा जाति वाले खरपतवार को नियंत्रण में कर लेती है। यदि चौडी पत्ती के खरपतवार मिर्च गुटी इत्यादि हैं तो उसमें एलमिक्स 8 ग्राम प्रति एकड़ या इथोक्सीसल्यूरोन 50 ग्राम में 120 लीटर पानी मिलाकर खेत में स्प्रे कर दें। 

यह उपाय रोपाई से 25 से 30 दिन के बीच करें। ध्यान रहे कि दवाओं का एक साथ छिड़काव कतई नहीं करें। जिस दिन स्प्रे करेंगे उस दिन खेत में पानी नहीं रहना चाहिए। जमीन दिखनी चाहिए। एक दिन बाद सिंचाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खरपतवार यदि नियंत्रित ना किया जाए तो एक तिहाई नुकसान करता है। बीमारियों से फसल के नुकसान के आकलन में खरपतवार के प्रभाव को सबसे पहले गिना जाता है।

खेती बागवानी कालम : डा. धर्मबीर यादव का परिचय

डा धर्मबीर यादव 1994 से 2005 तक कृषि विज्ञान केंद्र कैथल में जिला विस्तार विशेषज्ञ के तौर पर तैनात रहे हैं। वर्ष 2005 से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल में वैज्ञानिक, खरपतवार नियंत्रण के तौर पर कार्यरत रहे हैं। 2016 के बाद हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में परियोजना निदेशक रहे।

अब 29 जून 2018 से करनाल क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक का पदभार संभाला है। उन्होंने गेहूं की जीरो टिल मशीन से बिजाई, धान की सीधी बिजाई, मंडूसी में खरपतवार नाशक प्रतिरोधिता के प्रबंधन की मॉनीटरिंग व प्रबंधन पर विभिन्न फसलों में खरपतवर नियंत्रण में काम किया है। ऑस्ट्रेलिया की एडीलेड यूनिवर्सिटी के साथ धान की सीधी बिजाई के प्रोजेक्ट पर काम किया है। उन्हें 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर सम्मानित भी किया।

 

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स्रोत: अमर उजाला