चना, उड़द, मसूर की नई किस्में

July 08 2019

म.प्र. कृषि विभाग ने गत दिनों राज्य बीज उप समिति की बैठक में केन्द्रीय दलहन अनुसंधान संस्थान आई.आई.पी.आर फंदा (भोपाल) द्वारा विकसित दलहन की 4 किस्मों को प्रदेश में लागू किए जाने की अनुशंसा की। इसके साथ ही राजमाता सिंधिया कृषि वि.वि. द्वारा विकसित चने की 2 किस्मों को लागू करने की अनुशंसा भी की। यह बैठक प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। इसमें बी.टी. काटन की नई किस्मों को राज्य में विक्रय अनुमति भी दी गई थी। 

जानकारी के मुताबिक बैठक में आई.आई.पी.आर फंदा द्वारा विकसित उड़द की आई.पी.यू 11-02, आई.पी.यू 13-1 एवं आई.पी.यू 10-26 तथा मसूर की आई.पी.एल-534 को मध्य प्रदेश में लागू करने की अनुसंशा की गई। 

आई.पी.यू-11-02 - उड़द की यह नई प्रजाति खरीफ मौसम में शीघ्र पकने वाली है। इसकी परिपक्वता अवधि 71 दिन, पौधे की सामान्य ऊंचाई 75 से.मी., प्रोटोन की मात्रा का उच्चतम स्तर 26.42 प्रतिशत एवं औसत उत्पादकता 10.43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

आई.पी.यू-13-1 - इस प्रजाति की परिपक्वता अवधि 66 से 70 दिन, सामान्य ऊंचाई 55 से 60 से.मी., प्रोटीन की मात्रा का उच्चतम स्तर 26.12 प्रतिशत एवं औसत उत्पादकता 8.42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 

आई.पी.यू-10-26 - इस प्रजाति की परिपक्वता अवधि 72 दिन, सामान्य ऊंचाई 55 से 60 से.मी. प्रोटीन की मात्रा का उच्चतम स्तर 26.12 प्रतिशत एवं औसत उत्पादकता 9.61 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 

मसूर किस्म आई.पी.एल-534 - मसूर की इस नई प्रजाति की परिपक्वता अवधि 105 दिन की है। इसमें पौधों की ऊंचाई 45 से.मी., प्रोटीन की मात्रा का उच्चतम स्तर 23.30 प्रतिशत तथा औसत उत्पादकता 13.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। साथ ही यह प्रजाति यलो मोजेक वायरस की प्रतिरोधक तथा कम पानी एवं सूखे में उपयुक्त पाई गई है। 

बैठक में राजमाता सिंधिया कृषि वि.वि. ग्वालियर द्वारा विकसित चने की आर.व्ही.जी. 210 एवं आर.व्ही.के.जी. 121 की अनुशंका की गई। 

चना आर.व्ही.जी. 210 - चने की यह नई किस्म 105 से 110 दिन में पकती है। इसके पौधों की सामान्य ऊंचाई 30 से.मी., प्रोटीन की मात्रा 19 प्रतिशत एवं औसत उत्पादकता 20.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह प्रजाति प्यूजेरियम बिल्ट के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली है। 

चना आर.व्ही.के.जी-121 - चने की यह नई किस्म 114 दिन में पकती है। इसमें पौधों की सामानय ऊंचाई 40 से 60 से.मी., प्रोटीन की मात्रा 18.60 प्रतिशत तथा औसत उत्पादकता 19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह प्रजाति पोड बोरर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली है। 

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: कृषि जगत