गेहूं के खेतों में लंबे समय तक पानी खड़ा न होने दें किसान

March 10 2020

नौणी विवि के विशेषज्ञों ने कहा कि किसान-बागवान अभी किसी भी फसल के लिए सिंचाई न करें। वर्षा के पानी को गेहूं फसल में लंबे समय तक न खड़ा होने दें। इसकी निकासी का उचित प्रबंध करें। बारिश का पानी एक खेत से दूसरे में न जाने दें। प्याज और लहुसन की फसल में निराई-गुड़ाई करें और नत्रजन में दूसरी मात्रा 8 किलोग्राम प्रति बीघा की दर से डालें।

किसानों को सलाह दी है कि मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में ग्लेडियोलस व गेंदे की फसल के उत्पादन के लिए क्यारियां तैयार करें। इनमें लगभग 5 किलोग्राम प्रति वर्गमीटर के हिसाब से गोबर की खाद मिलाएं। बागवान किसी कारण से पौधे न लगा पाए हों तो वे पौधे लगाने का काम जल्दी खत्म कर लें। इन दिनों जमीन में अच्छी नमी है, इसलिए बागवान बगीचों में तौलिए बनाने का कार्य करते रहें। रसायानिक खाद जैसे कि पोटाश आदि व गोबर की खाद डालने व अन्य उर्वरक अनुमोदित मात्रा में डालें। 

मौनपालन संबंधित कार्य

मौनपालन के लिए बसंत ऋतु में अनुपूरक खुराक 1:1 चीनी का घोल दें। मौनगृह की सफाई करें। रानी रहित मौनवंशों को दूसरे मौनवंश में मिला दें। दुधारू पशुओं को प्रतिदिन उच्च गुणवत्ता का दाना 1 किलोग्राम प्रति 2 किलोग्राम दूध मिश्रण प्रतिदिन डालें।

गर्भावस्था की अंतिम तिमाही के दौरान पशुओं को 3 किलोग्राम दाना और 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रतिदिन दें। यह पशुओं में अगले ब्यांत के लिए शारीरिक विकास को महत्वपूर्ण है। ब्यांत के दौरान उत्पन्न समस्याओं जैसे मिल्क फीवर तथा जेर का रुकना जैसी समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है।


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स्रोत: अमर उजाला