फसलों पर कीटनाशक का तेजी से छिड़काव अब ड्रोन से किया जा सकेगा. दरअसल आईआईटी मद्रास के छात्रों ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जिससे मैन्युल के मुकाबले 10 गुना तेजी से कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है. इस को छात्रों ने एग्रीकॉप्टर का नाम दिया है. एग्रीकॉप्टर में लगे कैमरे से फसलों की सेहत पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी.
आईआईटी मद्रास के सेंटर फॉर इनोवेशन के शोधकर्ताओँ के अनुसार, मैन्युअल कीटनाशक का छिड़काव करने पर लोगों की सेहत काफी ज्यादा प्रभावित होगी. किसानों और मजदूरों पर जहरीले रसीले रसायनों का प्रभाव रोकने के लिए इस ड्रोन को विकसित किया गया है. आईआईटी छात्र ऋषभ वर्मा के अनुसार ड्रोन में लगा हुआ अत्याधुनिक मल्टीस्पैक्ट्रल इमेजिंग कैमरा फसल की सेहत के आधार पर खेत का स्मार्ट मैप बनाने में काफी मदद करेगा.
एग्रीक्रॉप्टर को तैयार करने वाले शोधकर्ताओं ने इसके पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है. इसको तैयार करने में 5.1 लाख रूपए की लागत आई है. एयरोस्पेस इंजीनियंरिग के छात्र कवि कैलाश के मुताबिक यह 15 लीटर कीटनाशक ले जाने की क्षमता वाला एक एग्रीकॉप्टर ड्रोन है. इसका सबसे बड़ा लक्ष्य है कि कीटनाशक का छिड़काव 10 गुना तेजी से हो और मैनुअल छिड़काव की कीमत पर 100 फीसदी सटीक हो. उन्होंने कहा कि कृषि हमारे देश का आधार है इसीलिए इसको बेहद ज्यादा उन्नत बानने की जरूरत है. हम आधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल करके फसल की सेहत के आधार पर खेत का बेहतर मैप तैयार करने में मदद कर रहे है. कीटनाशक टीफिलिंग प्राणली इस बात को सुनिश्चित करेगी कि पूरा छिड़काव स्वाचलित ही हो.
पहले जीता था पुरस्कार
यहां पर टीम ने एग्रीकॉप्टर के लिए इंडियन इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम का पुरस्कार भी जीता था. इस प्रोग्राम को पिछले महीने आईआईटी बांबे में आयोजित किया गया था. इस टीम को बतौर पुरस्कार 10 लाख रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया था.
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स्रोत: कृषि जागरण