बेमौसम बरसात का असर खेत में पड़ने से रायपुर जिले के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। किसानों की इस चिंता को दूर करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मौसम आधारित कृषि सलाह दी है। इंदिरा गांधी कृषि विवि के माध्यम से दिए गए सुझाव में उन्होंने बताया कि सबसे पहले रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें , ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीड़ों के अण्डे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएंगे। इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहां संभव हो, अपने खेत का समतलीकरण करवाएं।
अनाज को भडारण में रखने से पहले भंडार घर की अच्छी तरह सफाई करें तथा अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें एवं कुड़े-कचरे को जला या दबाकर नष्ट कर दें। भंडारण की छत, दीवारों और फर्श पर एक भाग मेलाथियान 50 ईसी को 100 भाग में मिलाकर छिड़काव करें। वहीं तापमान अधिक रहने की संभावना को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियां की तुड़ाई सुबह या शाम को करें । इसके बाद इस छायादार स्थान में रखें। इस मौसम में बेल वाली फसलों में न्यूनतम नमी बनाएं रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है।
फैक्ट फाइल में
- भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद यूरिया 5-10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डालें ।
- माइट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें, फसल के रंग बदलते ही ध्यान दें।
- कीट पाए जाने पर ईथियॉन 5-2 मिली लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
- बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।
- अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है।
- अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें ।
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स्रोत: नई दुनिया


