ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों की टीम धान की एक ऐसी प्रजाति का बीज विकसित करने में लगी है, जिसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। कम पानी में धान का पौधा तैयार हो जाएगा और उत्पादन भी भरपूर देगा। कृषि वैज्ञानिक छत्त्तीसगढ़ के मौसम को देखते हुए इसी के अनुकूल धान की नई प्रजाति का आविष्कार कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की नर्सरी में वर्तमान में 30 प्रजाति का ट्रायल वैज्ञानिक कर रहे हैं। इसमें से दो प्रजाति को छत्तीसगढ़ के मौजूदा मौसम के अनुकूल माना जा रहा है।
30 में से अति उत्तम और परिष्कृत प्रजाति का चयन कर इसका बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन किया जाएगा। बीज निगम के माध्यम से किसानों को इसे उपलब्ध कराया जाएगा। जाहिर है अगले वर्ष खरीफ सीजन में यह बीज किसानों के हाथों में होगा। तब यह किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: नई दुनिया