इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में रफ्तार-एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर योजना के तहत संचालित द्विमासिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रथम बैच का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इसके मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील थे। उन्होंने सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित कर उज्जवल भविष्य की कामना की। डॉ. पाटील ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप स्थापित करने की असीम संभावनाएं हैं। इस अवसर पर उद्यमियों ने अपने स्टार्टअप से संबंधित उत्पादों एवं संसाधनों को प्रदर्शित किया। इनमें बायोडिग्रेडेबल, सेनेटरी नैपकिन, हर्बल एसेंशियल ऑयल से निर्मित साबुन, ब्लैक राइस की चकली, रागी केक और कुकी, महुआ दलिया और लड्डू जैसे कई अभिनव उत्पाद शामिल हैं।
एग्री इन्क्यूबेशन सेंटर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक ने राबी योजना के तहत संचालित अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रमों की झलकियां प्रस्तुत की। राबी कार्यक्रम के प्रतीक चिन्ह और तीन प्रकाशनों का विमोचन किया गया। इन प्रकाशनों में कृषि उद्यमियों की जानकारी, प्रशिक्षण कार्यशाला की विवरणिका और ब्रोशर शामिल हैं। इस अवसर पर उद्यमियों ने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अनुभव साझा किये। पूसा कृषि इन्क्यूबेटर नई दिल्ली के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रजनीश कुमार ने इन्क्यूबेशन सेंटर योजना की जानकारी देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए कुलपति और उनकी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने
इंदिरा गांधी कृषि विवि में रफ्तार-एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप की स्थापना के इच्छुक नवाचारी उद्यमियों को ढांचागत सुविधाएं, तकनीकी सहयोग एवं मार्गदर्शन, कौशल उन्नायन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें वित्तीय व्यवस्था तथा मार्केट लिंकेज उपलब्ध कराने के लिए भी आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया जाएगा। एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा कृषि संबंधित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दो कार्यक्रम अभिनव-2019 एवं उद्भव-2019 शुरू किया गया है।
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स्रोत: नई दुनिया