मोदी सरकार किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. किसानों को नकली और खराब बीज बेचने वाले कंपनियों पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा. इसके लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बीज विधेयक 2019 लाएगी. फिलहाल, न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये वसूला जाता है.
55 फीसदी बीज प्रमाणित नहीं
तमाम किसान फसल में से 30 फीसदी हिस्सा बीज के लिए बचाकर रखते हैं और उसे ही बोते हैं. बाजार में बिकने वाले बीज में से 45 फीसदी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रमाणित होते हैं जबकि 55 फीसदी बीज निजी कंपनियां बेचती हैं. इनमें से अधिकांश का प्रमाणन नहीं होता. सरकार इसलिए सख्ती चाहती है.
जुर्माना कम होने से खराब बीजों की बिक्री धड़ल्ले से होती है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार नया बीज विधेयक लाने पर विचार कर ही है. यह विधेयक पांच दशक पुराने बीज अधिनियम 1966 की जगह लेगा. नए विधेयक में सरकार सभी बीजों के लिए समान प्रमाणन की व्यवस्था करेगी. बारकोडिंग जरूरी किया जाएगा.
मुआवजा देने का होगा प्रावधान
इससे पहले, कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मंगलवार को कहा था कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले बीज एवं कीटनाशक विधेयक में सरकार किसान हितों को पूरी तरह से संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश की खाद्य सुरक्षा उत्तम किस्म के बीज पर ही निर्भर है. उन्होंने कहा कि बीज और कीटनाशक से संबंधित विधेयक में किसानों को फर्जी बीज और कीटनाशक बेचने और उसकी फसल बर्बाद होने की स्थिति से बचाने के लिए किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान भी किया जायेगा.
किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या छोटे छोटे खेत हैं जिससे किसान लाभान्वित नहीं होते न ही वे आधुनिक मशीनों के उपयोग का खर्च उठा पाते हैं. उन्होंने कृषि जोत का आकार बढ़ाने के लिए इस्राइल की तरह यहां भी किसानों को 100-50 की संख्या में एकजुट होकर खेती भूमि का आकार बढ़ाने तथा आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल कर लाभप्रद खेती के लिए किसानों को कृषक उत्पादक संगठन (MPO) बनाने के बारे में विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार एफपीओ बनाने के लिए धन उपलब्ध कराने के साथ आयकर में छूट भी दे रही है.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी