कोट
बारिश बहुत अधिक नहीं है, लेकिन यह समान रूप से वितरित है। फसल की वृद्धि के इस स्तर पर इसकी काफी जरूरत थी। हम बुधवार को भी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे किसानों का सिंचाई का खर्च बचेगा।
ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, डायरेक्टरेट ऑफ व्हीट रिसर्च, करनाल के डायरेक्टर
[ नई दिल्ली ]
उत्तर भारत में मंगलवार को हुई बारिश से तापमान में गिरावट आई है और ठंडे मौसम से खासतौर पर गेहूं, चना और सरसों की फसलों को फायदा होगा। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में शीत लहर जारी रहने का अनुमान जताया है। विभाग ने कहा है कि पश्चिमी गड़बड़ी कही जाने वाली मौसम की स्थिति से बारिश होती है और इसके कारण उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में बारिश होगी और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 24 जनवरी को बर्फ पड़ सकती है।
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल, त्रिलोचन महापात्र ने बताया, यह बारिश सही समय पर हुई है। इससे गेहूं, चना, सरसों और रबी की अन्य फसलों को लाभ होगा। गेहूं की बुआई वाले अधिकतर क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा है, लेकिन 10-15 पर्सेंट खेती बारिश पर निर्भर है। ऐसे किसानों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि चना और सरसों की फसल की वृद्धि अच्छी है। उन्होंने बताया, अच्छी बात यह है कि अभी तक कीट के हमले के कोई रिपोर्ट नहीं है। इस साल भी हम बहुत अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर सकते हैं।
मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश हुई। हरियाणा के करनाल में मौजूद डायरेक्टरेट ऑफ व्हीट रिसर्च के डायरेक्टर, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, बारिश बहुत अधिक नहीं है, लेकिन यह समान रूप से वितरित है। फसल की वृद्धि के इस स्तर पर इसकी काफी जरूरत थी। हम बुधवार को भी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे किसानों का सिंचाई का खर्च बचेगा।
सिंह ने कहा कि तापमान में कमी आने से गेहूं की फसल को फायदा होगा। 19 जनवरी तक गेहूं की बुआई 4.02 पर्सेंट गिरकर 298.67 लाख हेक्टेयर थी। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के डायरेक्टर, बीवी मेहता ने बताया, तिलहन का रकबा कम है, लेकिन अगर जनवरी और फरवरी में अच्छी बारिश होती है तो यील्ड बढ़ सकती है। सरसों की फसल को 2-3 बार बारिश की जरूरत है और मौजूदा बारिश इसके लिए फायदेमंद है। कम तापमान दालों के लिए भी अच्छा है। इससे चने की फसल को खास फायदा होगा। अभी मध्य प्रदेश में चले की फसल में फूल लग रहे हैं और कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में इसकी कटाई शुरू हो गई है। दिल्ली के नया बाजार की दालों के इम्पोर्टर और ट्रेडर, सिलीगुड़ी एसोसिएट्स के सुनील बलदेवा ने कहा, राजस्थान में चने की फसल के लिए अधिक बारिश की जरूरत है। फसल के लिए तापमान में कमी अच्छी है।
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Source: Nav Bharat Times