थोक महंगाई दर दिसंबर 2018 में घटकर 3.8% रह गई। यह 8 महीने में सबसे कम है। इससे पहले अप्रैल 2018 में थोक महंगाई दर 3.62% रही थी। नवंबर में यह 4.64% दर्ज की गई थी। ईंधन और कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमत कम होने से दिसंबर में थोक महंगाई दर में गिरावट आई। सरकार ने सोमवार को इसके आंकड़े जारी किए।
सब्जियां 17.55% सस्ती हुईं
दिसंबर 2018 में खाद्य वस्तुओं की कीमतें 0.07% कम हुईं। नवंबर में 3.31% कमी आई थी। सब्जियां दिसंबर में 17.55% सस्ती हुईं। नवंबर में 26.98% गिरावट आई थी।
फ्यूल एंड पावर बास्केट की महंगाई दर 8.38% रही। नवंबर में यह 16.28% दर्ज की गई थी। दिसंबर में पेट्रोल-डीजल के रेट घटने की वजह से फ्यूल एंड पावर बास्केट की महंगाई दर में कमी आई। दिसंबर में पेट्रोल की महंगाई दर 1.57%, डीजल की 8.61% और एलपीजी की 6.87% रही।
दिसंबर में आलू सस्ता हुआ। इसकी महंगाई दर घटकर 48.68% रह गई। नवंबर में यह 86.45% थी। दिसंबर में दालों की महंगाई दर 2.11%, अंडा-मांस-मछली की 4.55% दर्ज की गई। प्याज की कीमतों में दिसंबर महीने में 63.83% गिरावट आई। नवंबर में कीमतें 47.60 कम हुई थीं।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) थोक महंगाई का इंडेक्स है। डब्ल्यूपीआई में शामिल वस्तुएं अलग-अलग वर्गों में बांटी जाती हैं। थोक बाजार में इन वस्तुओं के समूह की कीमतों में हर बढ़ोतरी का आंकलन थोक मूल्य सूचकांक के जरिए होता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ब्याज दरें तय करते वक्त रिटेल (खुदरा) महंगाई दर को ध्यान में रखता है। पिछली समीक्षा बैठक में आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई ने रिटेल महंगाई दर का अनुमान कम करते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 2.7 से 3.2% रहने का अनुमान जारी किया था।
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स्रोत - Dainik Bhaskar