बिहार के कृषि मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा बिहार के सभी जिला के प्रत्येक पंचायत में खरीफ, रबी एवं गरमा मौसम के पूर्व किसान चौपाल कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. प्रथम चरण में खरीफ मौसम में अप्रैल, 2018 में किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. इस प्रकार से राज्य के सभी 8,405 पंचायतों में कुल 8,405 किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा. किसान चौपाल का आयोजन पंचायत के प्रत्येक ग्राम में बारी-बारी से किया जाएगा. किसान चौपाल कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य खरीफ के लिए कार्य योजना तैयार करने हेतु सुझाव प्राप्त करना, किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराना एवं कृषि की आधुनिक तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराना है. साथ ही, पंचायत की जलवायु/ भौगोलिक स्थिति, मिट्टी की उपयुक्तता के आधार पर विशेष फसलों का चयन एवं उनका क्रियान्वयन करना, किसानों के स्थानीय समस्याओं का समाधान करना तथा किसान उत्पादक संगठन के गठन पर विचार कर किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है.
माननीय मंत्री ने कहा कि किसान चौपाल में संबंधित मंत्री, सांसद, विधायक, जिला परिषद् के अध्यक्ष, जिला परिषद् के सदस्य, प्रखण्ड के प्रमुख, पंचायत समिति के सदस्य, मुखिया, वार्ड सदस्य, आम जनता, अन्नदाता किसान भाईयों एवं बहनों को आमंत्रित किया जाएगा. राज्य के सभी जिला के परियोजना निदेशक, आत्मा से किसान चौपाल के अग्रिम कार्यक्रम की माँग की गई है. किसान चौपाल के अग्रिम कार्यक्रम में प्रत्येक प्रखंड के लिए एक प्रभारी-सह-पर्यवेक्षण पदाधिकारी नियुक्त करने का आदेश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया है. किसान चौपाल का आयोजन जिला पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी की देख-रेख में संबंधित जिला के परियोजना निदेशक, आत्मा द्वारा किया जाएगा. किसान चौपाल में कृषि विभाग के सभी क्षेत्रीय कर्मचारी भाग लेंगे. इसमें राज्य एवं जिला के वरीय पदाधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों को भी भाग लेने का निर्देश दिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी किसान चौपाल कार्यक्रम में भाग लेंगे. किसान चौपाल में किसानों से प्राप्त सुझाव/शिकायत के लिए एक पंजी रखी जाएगी, जिसमें किसान का पूर्ण विवरण सहित सुझाव अंकित किया जाएगा. किसानों से प्राप्त इन सुझावों को समेकित कर उसके आलोक में कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम का मोबाईल के माध्यम से फोटोग्राफी कराने का निर्देश दिया गया है.
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Source: Krishi Jagran