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सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत वैश्विक स्तर पर कृषि के क्षेत्र में अपना मजबूत हस्तक्षेप रखता है। कृषि के क्षेत्र में भारत सरकार बेहतर काम कर रही है। वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य है। वे महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान पीपराकोठी मोतिहारी एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के संयुक्त तत्वावधान में मोतिहारी के गांधी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कृषि कुंभ के दूसरे दिन रविवार को आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रतिवर्ष किसानों को छह हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगी। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। इसका मजबूत होना जरूरी है। कहा कि वर्तमान समय में यह आवश्यक है कि किसान जौविक खेती पर ध्यान दें। जैविक खेती किसान एवं पर्यवरण दोनों के लिए हितकर है। सिक्किम में रसायनिक उर्वरक के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध है। रसायनिक खाद के प्रयोग के कारण कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं।
इसके कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। वहीं, रसायनिक खाद वाले अनाज के खाने से कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं। जैविद खाद के प्रयोग से हम न सिर्फ इन बीमारियों से बचते हैं बल्कि जमीन में नमी का स्तर भी बना रहता है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बरकरार रहती है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। जैविक खाद के प्रयोग से पैदावार भी अच्छी होती है। सिक्किम सरकार जैविक खेती की दिशा में काफी गंभीर है और इसके लिए वहां के मुख्यमंत्री को पिछले दिनों सम्मानित भी किया गया।
बिहार और केंद्र सरकार भी इस दिशा में गंभीर है और किसानों के हित में काम कर रही है। उन्होंने नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि आज भारत की महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। खास तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में नारियों का दखल बहुत मजबूत हुआ है। खेल, रक्षा, विज्ञान, कला, साहित्य, शासन, प्रशासन सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपनी मजबूत उपस्थित रखती हैं। आज के समय में दहेज की बातें दुर्भाग्यपूर्ण हैं।दहेज का बहिष्कार जरूरी है। भले ही इसके लिए सरकार ने कानून बना दिया है लेकिन बिना सामाजिक जागरूकता के इसका उन्मूलन संभव नहीं। नारी का सम्मान जरूरी है। कहा जाता है कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है वहां देवता का वास होता है। बेटी अगर शिक्षित होगी तो इसका लाभ मायके और ससुराल दोनों परिवारों को मिलता है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ङ्क्षसह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण के साथ महिला सशक्तीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि देश तभी विकास का कीर्तिमान स्थापित करेगा जब महिलायें सशक्त होंगी। आज देश की सीमा से लेकर जल, नभ और थल में महिलाओं की दखलंदाजी मजबूती से हुई है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही में सत्याग्रह की भूमि को नमन करते हुए कहा कि यही वह धरती है जहां से महात्मा गांधी ने किसानों के अधिकार की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया और आज केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं को गति प्रदान कर रहे हैं। इस अवसर पर मुजफ्फरपुर से आई पद्मश्री किसान चाची राजकुमारी देवी ने भी सरकार के प्रयासों की सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन सूबे के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन एमएस कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार ने किया।
मौके पर सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, बेतिया सांसद डॉ. संजय जायसवाल, विधायक सचिंद्र प्रसाद सिंह व श्यामबाबू यादव, विधान पार्षद राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, कुलपति राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा आरसी श्रीवास्तव, मुख्य पार्षद अंजू देवी, जिला परिषद अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल, किसान क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पूर्व विधायक कृष्णनंदन पासवान, पूर्व विधायक पवन जायसवाल, पूर्व विधान पार्षद रामजी शर्मा आदि उपस्थित थे।
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स्रोत: Jagran