फसलों को पाले से बचाव के लिए किसानों को सलाह

December 31 2018

संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री मोहनलाल ने प्रदेश के किसानों को सलाह दी है कि कुछ क्षेत्रों में तापमान 4 डिग्री से कम रह सकता है। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के कई जिलों में तापमान तेजी से कम होने की संभावना बताई गई है। तापमान में होने वाली इस गिरावट का असर फसलों पर पाले के रूप में होने की आशंका रहती है। आसमान साफ होने, हवा का बहाव कम होने के साथ तापमान में तेज गिरावट से पाला पडऩे के संकेत मिलते हैं। शरीर पर तापमान का असर थरथराहठ के रूप में महसूस होता है। किसानों को समझाईश दी गई है कि रात्रि में विशेषकर तीसरे और चौथे पहर खेत की मेढ़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर धुंआ करे, जिससे कि धुंए की परत फसलो के ऊपर आच्छादित हो जाए। फसलो में खरपतवार नियंत्रण करना भी आवश्यक है क्योकि खेतो में ऊंगने वाले अनावश्यक तथा जंगली पौधे सूर्य की उष्मा भूमि तक पहुँचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं।

भारत सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने सलाह दी है कि ऐसे शुष्क भूमि में पाला पडऩे का जोखिम अधिक होता है अत: फसलों में स्प्रिंकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई कृषक करें। थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें यह उपाय पाले के विरूद्ध उपयोगी उपाय है। 8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड़ भुरकाव अथवा वेटेबल या घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना भी पाले के विरूद्ध कारगर उपाय पाया गया है।

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स्रोत - Krishak Jagat