राज्य सरकार की ओर से जेनेटिक मोडिफाइड बीटी कॉटन की खेती के लिए अनुमति जारी हो जाने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. अगले महीने से किसान बीटी कॉटन की खेती शुरू कर सकेंगे.
राज्य सरकार ने जेनेटिक मोडिफाइड बीटी कॉटन की खेती के लिए अनुमति दे दी है. सरकार ने बीटी कॉटन के बीज की मार्केटिंग करने वाली 30 कंपनियों को बीटी कॉटन बीज बेचने की इजाजत दी है. इसके बाद अब अगले महीने से किसान बीटी कॉटन की खेती शुरू कर सकेंगे. इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी.
राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, नागौर, पाली और जोधपुर समेत अन्य कई जिलों में कपास की खेती होती है. अगले महीने से कपास की बुवाई के लिए अनुकूल समय है. ऐसे में सरकार ने बीटी कॉटन के लिए अनुमति जारी की है. अधिक उत्पादन के साथ ही कीटरोधी क्षमता होने के कारण किसान बीटी कॉटन के बीज से कपास की पैदावार करना पसंद करते हैं.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामगोपाल शर्मा ने बताया कि निर्धारित प्रक्रिया और परीक्षण के बाद ही सरकार बीटी कॉटन के बीज बेचने की अनुमति जारी करती है. उन्होंने बताया कि राज्य में किसान मध्यम और जल्दी से तैयार होने वाली कपास की फसल की पैदावार करना पसंद करते हैं जो कि अक्टूबर तक तैयार हो जाती है. इसके बाद किसान गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं. बीटी कॉटन के जीएम बीज से प्रति हैक्टेयर 35 क्विंटल तक कपास का उत्पादन हो सकता है.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
Source: News 18