कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा है कि बागवानी के विकास में नर्सरी की अहम भूमिका है। राज्य में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए फल-फूल की नई नर्सरी की स्थापना की जाएगी। साथ ही पुरानी नर्सरियों को सुदृढ़ किया जाएगा।
डॉ. कुमार ने कहा कि अभी 233 प्रखंड नर्सरी व 17 प्रोजनी बाग हैं। यहां आम, अमरूद, लीची, आंवला, पपीता आदि के पौधे तैयार किए जाते हैं। राज्य के कृषि विवि की नर्सरी में भी इन फलों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। निजी क्षेत्र की नर्सरी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। निजी क्षेत्र में हाईटेक नर्सरी की स्थापना के लिए चार हेक्टेयर के लिए अनुमानित लागत 25 लाख का 40 फीसदी अनुदान का प्रावधान तय किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र में अनुदान शत-प्रतिशत है। निजी क्षेत्र में छोटे नर्सरी यानी एक हेक्टेयर की स्थापना में लगने वाले अनुमानित लागत 15 लाख का 40 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। निजी क्षेत्र की नर्सरी की संरचनाओं को मजबूत करने के लिए 10 लाख में से 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के कार्यान्वयन से राज्य में गुणवतापूर्ण पौधरोपण सामग्री के उत्पादन में अधिक से अधिक वृद्धि होगी।
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Source: Live Hindustan