नरसिंहगढ़ तहसील के 3.200 हेक्टर कृषि भूमि मालिक लसूडल्या रामनाथ का प्रहलाद शर्मा पहले परंपरागत खेती से सोयाबीन, चना एवं गेहूं आदि की खेती कर दो से ढाई लाख रुपए वार्षिक आमदनी तक पहुंच पाता था। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से साथ ही मौसम की अनियमितता से कई बार घाटा भी सहना पड़ता था। लेकिन वर्ष 2014 से एनएचबी द्वारा पॉली हाउस में खेती कर सालाना आमदनी 30 लाख रुपए पहुंच गई है। आज घर में कार है, मैजिक है और घर में सुख-सुविधाओं का सारा सामान है। पॉली हाउस में खेती और कृषि उद्यानिकी ने उसके जीवन की दशा ही बदल दी।
प्रहलाद ने बताया कि उसका रूझान हमेशा कृषि उद्यानिकी में रहा है। वे ऐसी खती में विश्वास रखते हैं जो न आय का बढिया स्त्रोत हो बल्कि अन्य कृषकों को प्रेरणा देने का भी काम करे। लेकिन पूंजी की कमी उसके उद्देश्यों में बाधा बन रही थी। उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और सरकारी योजना का लाभ लेने कृषि उद्यानिकी की ओर कदम बढ़ाया। प्रहलाद ने उद्यानिकी विभाग की सलाह पर प्रथम चरण में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा पॉली हाउस खेती पर जोर दिया। बैंक से एक करोड 92 रुपए का ऋण एवं अलग-अलग कुल 67 लाख का एन.एच.बी. द्वारा अनुदान प्राप्त कर 4-4 हजार वर्गमीटर के दो पॉली हाउस का निर्माण कराया।
बाजार में फूलों की मांग को देखकर उसने पॉली हाउस में गुलाब की टॉप सीक्रेट जाति,की खेती प्रारंभ की। पहले ही साल में उसे 18 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया। कमाई बढ़ने से उसका उत्साह बढ़ा तो वह अपनी आय पॉली हाउस को बढ़ावा देने में जुट गया।
वर्तमान में उसके पॉली हाउस की कुल संख्या बढकर आठ तक पहुंच गई है। इसमें 2-2 हजार वर्गमीटर के दो तथा 1000 वर्गमीटर, 2929 वर्गमीटर, 2500 वर्गमीटर एवं 1750 वर्गमीटर का एक-एक पॉली हाउस शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एक हेक्टेयर कृषि भूमि भी अपनी पत्नी के नाम खरीदी, रहने के लिए पक्का घर बनाया और मोईली, सीका और कुरावर आस-पास के ग्रामों के 12 अन्य बेरोजगारों को रोजगार भी दे रखा है।
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Source: Krishi Jagran