रायपुर। कृषि के क्षेत्र में हो रही उन्नत खेती और उसकी पहल पर कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर के कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों की मेड़ों पर सब्जियों का उत्पादन कर किसानों को आमदनी बढ़ाने की नई राह दिखाई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे किसान खेतों की बेकार पड़ी मेड़ों पर सब्जियों एवं फूलों की मल्टीलेयर खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र में पिछले खरीफ मौसम में सिर्फ 17 डेसिमल मेड़ों की जमीन पर सब्जियों और फूलों की मल्टीलेयर खेती से लगभग 50 हजार रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त की गई है।
कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बिकापुर में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रवीन्द्र तिग्गा एवं उनके सहयोगियों द्वारा जुलाई 2017 से प्रक्षेत्र की मेड़ों की बेकार पड़ी भूमि पर लौकी, भिंडी, सेम, मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, स्ट्राबेरी आदि फसलों की मल्टीलेयर खेती शुरू की गई। इस तकनीक में मेडों पर एक साथ दो फसलों की खेती की गई। वैज्ञानिकों ने इसके लिए मेड़ पर पांच फीट बांस का मचान बनाकर उस पर लौकी की बेलों को चढ़ाया और नीचे मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, फ्रेन्चबीन, स्ट्राबेरी आदि फसलों की बहुमंजिला खेती की गई। कुछ मेडों पर भिंडी, गवारफल्ली, गेंदा, रजनीगंधा भी लगाए जा सकते हैं।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
SOURCE: Nai Duniya