उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में खुलेगी गोशाला:योगी आदित्यनाथ

November 06 2017

6 November 2017

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोप्रेम किसी से छिपा नहीं है। गोरखपुर में महंत रहते हुए वो रोज सुबह उठकर गायों को चारा खिलाते थे। टीवी पर भी कई बार इसकी तस्वीरें देखने को मिली हैं। योगी आदित्यनाथ अपने इसी गोप्रेम को अब पूरे प्रदेश में विस्तार देने जा रहे हैं। रविवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने एलान किया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक एक गोशाला खोली जाएगी। इसके साथ ही योगी ने कहा कि इन गोशाला को चलाने की जिम्मेदारी स्थानीय कमेटियों यानी जनता की होगी।

विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षा विभाग ने पहली बार इस तरह की बैठक आयोजित की। जिसमें देश भर से गोरक्षक बुलाए गए। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए योगी ने कहा “ अगर भारतीय संस्कृति को बचाना है तो गाय, गंगा और तुलसी को बचाना होगा. उन्होंने कहा कि लोग गाय का दूध पीते हैं लेकिन बाद में सड़क पर छोड़ देते हैं। योगी ने ये भी बताया यूपी के सभी जिलों में 1000 गोसेवक तैयार किए जायेंगे। इस तरह राज्य में 75 हजार गोसेवक तैयार हो जायेंगे।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”गोसंरक्षण की दृष्टि से पहले चरण में 16 नगर निगम और बुंदेलखंड के सात जिलों में एक-एक बड़ी गोशाला के लिए हम लोग पहले ही गोशाला आयोग को कह चुके हैं। हमारे सर्वे के कार्य लगभग पूरे हो चुका है। पहले चरण में हम लोग 22-23 इकाइयों में गोशाला खोलने जा रहे हैं।”

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ”गोशाला के संचालन का दायित्व स्थानीय कमेटियां अपने हाथ में लें। मैं तो कहूंगा कि एक गोशाला में जितनी गाय हों उतने परिवारों को सहमत करके उन गायों के चारे की व्यवस्था कराई जाए तो जनता आपके साथ जुड़ेगी। सरकार सारी बुनियादी व्यवस्थाएं कर सकती है लेकिन अगर गोशाला में गाय रखनी है तो उनके चारे की व्यवस्था आपको करनी पड़ेगी. अगर गाय दूध देती है तो कभी-कभी उन परिवारों के घर दूध भी पहुंचा दीजिए।”

आपको बता दें कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बस दो ही आयोग का गठन हुआ है, उनमें गोसेवा आयोग भी है। योगी सरकार पहले से बुंदेलखंड के 7 जिलों में गोशाला खोलने की योजना पर काम कर रही है। कई जिलों में गोतस्करों पर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई हो चुकी है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Dairy Today