This content is currently available only in Hindi language.
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक जमीन है, उन किसानों को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के. वी. सुब्रहमण्यम के मुताबिक, किसानों को कई और तरह के लाभ देगी. बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान 2019-20 के अंतरिम बजट में की गई है. इसके तहत देश के ऐसे छोटे और सीमांत किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि योग्य जमीन है, उन्हें 2- 2 हजार के 3 किस्तों में 6,000 रुपये की वार्षिक न्यूनतम आय दी जानी है. इस योजना का लाभ देश के 12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
सुब्रहमण्यम ने कहा कि ‘दुनियाभर के देशों में किसानों को दी जाने वाली मदद काफी अधिक है. लेकिन हाल ही में आयी आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की रिपोर्ट बताती है कि भारत में यह काफी निचले स्तर पर है.’ उन्होंने कहा कि अधिकतर देशों में खेती-किसानी को समर्थन दिया जाता है. इसकी वजह इस क्षेत्र में जोखिम का बहुत ज्यादा होना है. इसलिए खेती-किसानी को समर्थन देना अपरिहार्य है. सुब्रहमण्यम ने कहा कि 2015-16 में किसानों की औसत आय 30,000 रुपये थी. इस प्रकार 6,000 रुपए की मदद इसका 20 प्रतिशत हुआ है. यदि किसान के पास एक नियमित आय रहती है तो बैंक उसका आकलन कर किसान को साल में 24,000 रुपए तक का ऋण उपलब्ध करा सकेंगे.
गौरतलब है कि गत दिन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि महानगरों और एसी कमरों में बैठने वाले लोगों को भले हीं किसानों को दी जा रही 6,000 रुपये की राशि कम नजर आ रही है. वे लोग होटलों में नाश्ते पर 6,000 रुपये खर्च कर रहे होंगे. लेकिन 12.5 करोड़ लघु व सीमांत किसानों के लिए ये राशि बड़ी राहत का समान है. उन्होंने आगे कहा, 2-3 महीनों में सभी किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड होंगे. किसानों की कड़ी मेहनत से हम अनाजों के आयातक से निर्यातक में बदल गए. कभी दुनिया के देशों में भीख का कटोरा लेकर घूमते थे.
गोरखपुर से होगी योजना की शुरुआत
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का आधिकारिक शुभारंभ करेंगे. पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड किए गए पात्र किसानों को पहली किस्त जारी की जाएगी. हालांकि ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
स्रोत: Krishi Jagran