This content is currently available only in Hindi language.
महाराष्ट्र में जमीन के हक के साथ ही दूसरी मांगों को पूरा करने के लिए लॉन्ग मार्च कर रहे किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया है. यानी अब मुंबई के लिए लॉन्ग मार्च नहीं होगा. सरकार से बातचीत के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा हुई. मांगें पूरी करने के लिए किसानों ने सरकार को दो महीने का वक्त दिया है.
महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर रात भर रुकने के बाद किसानों ने नासिक से मुंबई तक का अपना 200 किलोमीटर लंबा किसान लॉन्ग मार्च -2 फिर से शुरू कर दिया था. राज्य सरकार की ओर से किसानों को मनाने की कोशिश विफल हो गई थी. किसानों का कहना था कि वे राज्य व केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के किसानों के साथ किए गए विश्वासघात का विरोध कर रहे हैं.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की किसान शाखा अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) द्वारा आयोजित मार्च में राज्य भर के किसान भागीदारी कर रहे थे. इनमें महिलाएं भी शामिल थीं. आठ दिवसीय मार्च 27 फरवरी को मुंबई में विधानसभा के बजट सत्र के साथ समाप्त होना था. 20 फरवरी को साम्यवादी विचारक व लेखक गोविंद पनसारे की चौथी पुण्यतिथि थी और 27 फरवरी को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की शहादत का 88वां वर्ष है.
इस घटनाक्रम से सतर्क बीजेपी-शिवसेना सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन बुधवार को दोपहर बाद किसानों को शांत कराने के लिए नासिक पहुंचे थे और उनसे मार्च समाप्त करने का आग्रह किया था.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
स्रोत: NDTV India