हालांकि मंत्री ने दावा किया कि ऐसे किसानों पर न तो जुर्माना लगाया जाएगा और न ही उनके खिलाफ कुछ दूसरी कार्रवाई की जाएगी
सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि प्रदेश के ऐसे किसान, जिन्होंने 31 मार्च 2016 के पहले बैंकों से कर्ज लिया है और उन्हें ऋण मोचन योजना का लाभ नहीं मिला है. उन्हें 15 अप्रैल तक आवेदन करने का योगी सरकार ने आखिरी मौका दिया है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के कर्ज माफी योजना से वंचित किसानों के लिए राज्य सरकार ने 4000 करोड़ के बजट का भी प्रावधान कर दिया है. साथ ही कृषि मंत्री ने कहा कि सूबे में कर्जमाफी कराने वाले करीब 8000 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने नियम विरुद्ध कर्जमाफी का लाभ लिया. उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई होगी. हालांकि कोई जुर्माना नहीं लगेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना के दायरे में आने वाले लघु व सीमांत किसान 15 अप्रैल तक सरकारी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी पात्र किसान को बैंक ऋण मोचन योजना का लाभ देने से नहीं रोक सकेंगे. इसके साथ ही 7 लाख लम्बित प्रकरणों का भी निस्तारण इसी अवधि में किया जायेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि इस साल राज्य सरकार ने 50 लाख मिट्रिक टन गेंहूं खरीद का भी लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके लिए प्रदेश भर में 5500 क्रय केन्द्र खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि गेंहू खरीद का भुगतान 72 घंटे में किसानों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा. किसानों को 1735 रुपए प्रति क्विन्टल समर्थन मूल्य दिया जा रहा है, जिस पर 10 रुपए खर्च के लिए मण्डी समिति से अलग से दिया जाएगा.
इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अब तक जिन 35 लाख किसानों के कर्ज माफ़ किए गए हैं, उनमें से तकरीबन 8000 ऐसे हैं, जिन्होंने गलत तरीके से कर्ज माफ़ कराया है. ऐसे लोगों की पहचान कर उनसे वसूली की तैयारी की जा रही है. ऐसे लोगों में ज़्यादातर वह हैं, जिन्होंने कई बैंकों से कर्ज ले रखा था. किसी भी किसान को एक ज़मीन पर सिर्फ एक बैंक के कर्ज को माफ़ करने की योजना है. ऐसे में जिन्होंने नियमों के खिलाफ कर्जमाफी कराई है, उनसे वसूली की जा रही है. हालांकि मंत्री ने दावा किया कि ऐसे किसानों पर न तो जुर्माना लगाया जाएगा और न ही उनके खिलाफ कुछ दूसरी कार्रवाई की जाएगी.
नए आवेदनों की स्क्रीनिंग अब इस तरह की जाएगी ताकि पुरानी गलतियां दोहराई न जा सकें. उन्होंने सूबे के किसानों से खेतों पराली नहीं जलाने की अपील करते हुए कहा है कि एनजीटी ने खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर 5000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है. लिहाजा किसानों को ऐसी स्थिति से बचना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा है कि मेरठ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से इसके विकल्पों पर रिसर्च करने को भी कहा गया है.
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Source: News 18