11 October 2017
भोपाल। देश में पहली बार मध्यप्रदेश में लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में केंद्र सरकार 50 फीसदी राशि लगाएगी। दिल्ली में कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर योजना को लागू करने से पहले प्रदेश में खरीफ फसल में योजना के नतीजों को देखा जाएगा।
वहीं, योजना में किसानों के पंजीयन के लिए 12 अक्टूबर को पंचायतों में विशेष ग्रामसभाएं होंगी। 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान योजना का शुभारंभ बड़ा किसान सम्मेलन करके करेंगे।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को मंत्रालय में प्रगति ऑनलाइन और बैंक अधिकारियों के साथ चर्चा में अधिकारियों से भावांतर योजना की तैयारियों को लेकर बात की। बैंक अधिकारियों से कहा गया कि 16 अक्टूबर से लागू हो रही योजना के लिए बैंकों में पर्याप्त नकदी भुगतान की व्यवस्था रखें।
257 मंडियों में योजना के शुभारंभ के कार्यक्रम किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री, सांसद और विधायक इसमें शामिल होंगे।
उधर, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि केंद्र इस बात पर सहमत हो गया है कि योजना में 50 प्रतिशत राशि वो लगाएगा। दरअसल, सोयाबीन, तुअर, मक्का से लेकर अन्य फसलों के प्रति क्विंटल भाव मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम चल रहे हैं।
ऐसी सूरत में सरकार को किसान को इसकी भरपाई करनी होगी। अभी के भाव को देखा जाए तो सरकार के ऊपर लगभग एक हजार करोड़ रुपए का आर्थिक भार आएगा। इस राशि में अब पचास प्रतिशत हिस्सा केंद्र देने को राजी हो गया है। इसके लिए कृषि मंत्रालय में प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
फरवरी तक शुरू हो जाएंगी नल-जल योजनाएं
मुख्यमंत्री ने प्रगति ऑनलाइन में बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि 1650 नल-जल योजनाएं फरवरी तक शुरू हो जाएं। इससे सवा दो हजार से ज्यादा गांवों को पेयजल मिलेगा। रतलाम मेडिकल कॉलेज आगामी सत्र से शुरू करने के लिए भवन निर्माण के काम के साथ खाली पदों पर जल्द भर्ती की जाए।
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By: Naiduniya News