11 October 2017
भोपाल। म.प्र. शासन ने रबी 2017-18 के लिये प्रमाणित बीजों की उपार्जन, विक्रय एवं अनुदान की दरें निर्धारित कर दी हैं। यह निर्णय कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बीज दर निर्धारण समिति की बैठक में लिया गया। निर्णय के मुताबिक इस वर्ष गेहूं की 10 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर तथा अन्य दलहनी एवं तिलहनी फसलों की 15 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर अनुदान दिया जाएगा। इस वर्ष गेहूं बीज की दर कम की गई है साथ ही अनुदान में भी कमी आयी है। चने बीज की दर में कमी हुई है और अनुदान बढ़ाया गया है इससे दलहनी फसलों की ओर किसानों का रुझान बढऩे की संभावना है। सरकार ने इस वर्ष सभी फसल बीजों की दर में कमी की है।
10 और 15 वर्ष से अधिक फसल किस्मों पर अनुदान नहीं मिलेगा
अनुदान किसान के खाते में सीधे जमा होगा
संस्थाएं प्रमाणित बीज का 30 प्रतिशत नगद में विक्रय कर सकेंगी
विभिन्न योजनाओं से किसानों को मिलेगा अनुदान
इसी प्रकार चने का बीज 7500 रु. क्विंटल मिलेगा, जिस पर 2500 रु. प्रति क्विंटल अनुदान दिया जाएगा। जबकि गत वर्ष चने का बीज 8400 रु. प्रति क्विंटल मिला था और 1600 रु. प्रति क्विंटल अनुदान दिया गया था। इस वर्ष मटर बीज पर 200 रु. प्रति क्विंटल एवं जौ पर 100 रु. प्रति क्विं. अनुदान दिया जाएगा। गत वर्ष जौ पर अनुदान नहीं दिया गया था। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं नेशनल मिशन ऑन आईलसीड एवं आईलपाम योजना से वितरण अनुदान देय होगा जो अलग-अलग फसल किस्मों पर अलग-अलग होगा। राज्य शासन ने निर्देश दिए कि सहकारी संस्थाएं किसानों को जो नगद बीज प्रदाय करेंगी उसका इंद्राज किसानों की बही खाता या ऋण पुस्तिका में करना अनिवार्य होगा। संस्थाएं उपलब्ध प्रमाणित बीज का 30 फीसदी नगद में विक्रय कर सकेंगी। किसानों को निगम एवं संस्थाओं द्वारा वितरण किए जाने वाले बीज पर अनुदान का भुगतान सीधे खाते में किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक रबी 2017-18 में किसान को गेहूं बीज 3300 रु. क्विंटल मिलेगा, जबकि वर्ष 2016-17 में इसकी कीमत 3870 रु. क्विंटल थी। हालांकि गत वर्ष गेहूं बीज पर 1000 रु. प्रति क्विंटल किसानों को अनुदान दिया गया था जिसे इस वर्ष घटाकर 500 रु. प्रति क्विंटल किया गया है। इसी प्रकार गेहूं बीज की उपार्जन दर 2200 रु. प्रति क्विंटल तय की गई है।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
By: Krishak Jagat
भोपाल। म.प्र. शासन ने रबी 2017-18 के लिये प्रमाणित बीजों की उपार्जन, विक्रय एवं अनुदान की दरें निर्धारित कर दी हैं। यह निर्णय कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बीज दर निर्धारण समिति की बैठक में लिया गया। निर्णय के मुताबिक इस वर्ष गेहूं की 10 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर तथा अन्य दलहनी एवं तिलहनी फसलों की 15 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर अनुदान दिया जाएगा। इस वर्ष गेहूं बीज की दर कम की गई है साथ ही अनुदान में भी कमी आयी है। चने बीज की दर में कमी हुई है और अनुदान बढ़ाया गया है इससे दलहनी फसलों की ओर किसानों का रुझान बढऩे की संभावना है। सरकार ने इस वर्ष सभी फसल बीजों की दर में कमी की है।
10 और 15 वर्ष से अधिक फसल किस्मों पर अनुदान नहीं मिलेगा
अनुदान किसान के खाते में सीधे जमा होगा
संस्थाएं प्रमाणित बीज का 30 प्रतिशत नगद में विक्रय कर सकेंगी
विभिन्न योजनाओं से किसानों को मिलेगा अनुदान
इसी प्रकार चने का बीज 7500 रु. क्विंटल मिलेगा, जिस पर 2500 रु. प्रति क्विंटल अनुदान दिया जाएगा। जबकि गत वर्ष चने का बीज 8400 रु. प्रति क्विंटल मिला था और 1600 रु. प्रति क्विंटल अनुदान दिया गया था। इस वर्ष मटर बीज पर 200 रु. प्रति क्विंटल एवं जौ पर 100 रु. प्रति क्विं. अनुदान दिया जाएगा। गत वर्ष जौ पर अनुदान नहीं दिया गया था। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं नेशनल मिशन ऑन आईलसीड एवं आईलपाम योजना से वितरण अनुदान देय होगा जो अलग-अलग फसल किस्मों पर अलग-अलग होगा। राज्य शासन ने निर्देश दिए कि सहकारी संस्थाएं किसानों को जो नगद बीज प्रदाय करेंगी उसका इंद्राज किसानों की बही खाता या ऋण पुस्तिका में करना अनिवार्य होगा। संस्थाएं उपलब्ध प्रमाणित बीज का 30 फीसदी नगद में विक्रय कर सकेंगी। किसानों को निगम एवं संस्थाओं द्वारा वितरण किए जाने वाले बीज पर अनुदान का भुगतान सीधे खाते में किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक रबी 2017-18 में किसान को गेहूं बीज 3300 रु. क्विंटल मिलेगा, जबकि वर्ष 2016-17 में इसकी कीमत 3870 रु. क्विंटल थी। हालांकि गत वर्ष गेहूं बीज पर 1000 रु. प्रति क्विंटल किसानों को अनुदान दिया गया था जिसे इस वर्ष घटाकर 500 रु. प्रति क्विंटल किया गया है। इसी प्रकार गेहूं बीज की उपार्जन दर 2200 रु. प्रति क्विंटल तय की गई है।
11 October 2017
बनखेड़ी। होशंगाबाद जिले में विकासखंड स्तरीय एक दिवसीय कृषक संगोष्ठी का शुभारंभ प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने किया। इस अवसर पर आपने कहा कि कम वर्षा के कारण उत्पन्न संकट में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने भावांतर भुगतान योजना लागू की है। भावांतर योजना में खरीफ में 8 फसलों का चयन किया गया है। कृषि मंत्री ने जिले में खराब फसल का सर्वे कराने के लिए भी प्रशासन को कहा। आपने आगे कहा कि खेती का कार्य करते यदि किसान दुर्घटना का शिकार होता है तो उसके परिवार को मंडी निधि से 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि एक वर्ष के अंदर प्रदेश में 265 मिट्टी केंद्र शुरू करेंगे। कृषि संगोष्ठी में जिले के कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने किसानों को भावांतर योजना की जानकारी दी। उन्होंने किसानोंसे अपना पंजीयन कराने को कहा। संगोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि कम सिंचाई के गेहूं, चने की बुवाई करें।
कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. डी.के. पहलवान ने जल प्रबंधन तथा कम सिंचाई की फसलों की जानकारी दी। उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह ने संगोष्ठी के आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक ठाकुर दास नागवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, अंत्योदय समिति के सदस्य हरिशंकर जायसवाल, कृषि समिति के अध्यक्ष मनोहर लाल बैंकर, कृषि उपज मंडी की अध्यक्ष श्रीमती खेम कुमारी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कमला मदन गोपाल सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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By: Krishak Jagat